Rourkela News :
ओडिशा केमिकल सोसाइटी (ओसीएस) का 39वां वार्षिक सम्मेलन ‘केमिस्ट्री फॉर सस्टेनेबल फ्यूचर ’ विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन के साथ 21 दिसंबर, रविवार को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी), राउरकेला के रसायन विज्ञान विभाग में शुरू हुआ. यह तीन दिवसीय सम्मेलन 21 से 23 दिसंबर तक आयोजित किया जा रहा है. इस सम्मेलन में देशभर से एकेडेमिक्स, शोधकर्ता, उद्योग विशेषज्ञ और छात्र भाग ले रहे हैं. सम्मेलन का उद्देश्य सस्टेनेबल डेवलपमेंट हासिल करने में केमिस्ट्री की भूमिका को रेखांकित करना है. इसमें इको-फ्रेंडली मटीरियल, क्लीनर प्रोसेस और एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के जरिए पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने और संसाधनों के बेहतर उपयोग पर चर्चा की जा रही है. सम्मेलन की प्रमुख थीम में सस्टेनेबल सिंथेसिस, ग्रीन केमिस्ट्री, कैटेलिसिस, कार्बन मैनेजमेंट, सस्टेनेबल एनर्जी, क्लाइमेट सॉल्यूशंस और ग्रीन न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी शामिल हैं. उद्घाटन समारोह में जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च, बेंगलुरु के ऑनरेरी प्रोफेसर प्रो एच इला गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में उपस्थित रहे. उद्घाटन सत्र में एनआइटी राउरकेला के निदेशक प्रो के उमामहेश्वर राव, ओसीएस की अध्यक्ष प्रो स्मृतिप्रभा दास, सेक्रेटरी-कम-ट्रेजरर प्रो ए आचार्य और रसायन विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रो गरुड़ध्वज होता मौजूद थे.सम्मेलन का संयोजन प्रो गोकर्णेश्वर साहू द्वारा किया जा रहा है, जबकि प्रो सबिता पटेल और प्रो सरोजलोचन सामल सह-संयोजक हैं. आयोजन सचिव के रूप में प्रो हरेकृष्ण साहू, प्रो. प्रियव्रत दाश और प्रो सस्मिता महापात्र कार्यरत हैं. स्वागत भाषण में प्रो गोकर्णेश्वर साहू ने बताया कि सम्मेलन में 230 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए हैं, जिससे मजबूत एकेडमिक समन्वय देखने को मिल रहा है. सम्मेलन के कार्यक्रम में ओडिशा के प्रख्यात रसायनविदों की स्मृति में पांच मेमोरियल लेक्चर, एक प्लेनरी लेक्चर, चार कीनोट लेक्चर, 11 आमंत्रित व्याख्यान, 11 अवॉर्ड लेक्चर, 28 ओरल प्रेजेंटेशन और 98 पोस्टर प्रेजेंटेशन शामिल हैं, जो सस्टेनेबिलिटी आधारित केमिकल रिसर्च की व्यापक झलक प्रस्तुत करते हैं. एनआइटी राउरकेला के रसायन विज्ञान विभाग का परिचय देते हुए प्रो गरुड़ध्वज होता ने बताया कि यह संस्थान के सबसे पुराने विभागों में से एक है और ज्वाइंट एडमिशन टेस्ट फॉर मास्टर्स (जैम) के माध्यम से एमएससी केमिस्ट्री में टॉप रैंक वाले छात्रों की पहली पसंद बनता जा रहा है. अपने संबोधन में प्रो के उमामहेश्वर राव ने सस्टेनेबल तरीकों से आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में एकेडेमिया, इंडस्ट्री और समाज की साझा जिम्मेदारी पर जोर दिया. वहीं प्रो. एच. इला ने एनआइटी राउरकेला के हरित और सुव्यवस्थित परिसर की सराहना करते हुए युवा शोधकर्ताओं को केमिस्ट्री के क्षेत्र में विज़न और प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. इस अवसर पर केमिस्ट्री के क्षेत्र में उत्कृष्ट और निरंतर योगदान के लिए प्रो (डॉ.) बुला बेहरा को ओडिशा केमिकल सोसाइटी का लाइफटाइम ल्यूमिनरी अवॉर्ड प्रदान किया गया. साथ ही ओसीएस के पूर्व अध्यक्षों को भी सम्मानित किया गया. तीन दिवसीय इस सम्मेलन में देश के प्रमुख संस्थानों के वक्ता सस्टेनेबल केमिकल रिसर्च और इनोवेशन पर अपने विचार साझा करेंगे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है





