जामुड़िया.
इसीएल के सातग्राम एरिया के अधीन नीमडांगा जेक्ट स्थित सातग्राम इनक्लाइन में इसीएल प्रबंधन के कथित भ्रष्टाचार व तानाशाही के खिलाफ सीटू ने विरोध प्रदर्शन किया. संगठन ने खदानों की बदहाली व श्रमिकों की अनदेखी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आगामी 12 जनवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान किया. गेट मीटिंग के समापन पर प्रबंधन को एक मांग-पत्र भी सौंपा गया.प्रबंधन पर निजीकरण व कोताही का आरोप
गेट मीटिंग को संबोधित करते हुए श्रमिक नेता मनोज दत्ता ने ईसीएल प्रबंधन पर तीखे प्रहार किए. उन्होंने कहा कि खदानों में उत्पादन गिरने का एकमात्र कारण प्रबंधन की लापरवाही है.अधिकारी खदान के भीतर जाकर वास्तविक स्थिति का जायजा नहीं लेते, जिसके कारण श्रमिकों को कोयला उत्पादन के लिए आवश्यक सामग्री और संसाधन समय पर उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. दत्ता ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “प्रबंधन की मंशा वर्तमान खदानों को ठीक से चलाने की नहीं है. वे चाहते हैं कि सरकारी खदानें बंद हो जाएं ताकि उन्हें आसानी से निजी हाथों में सौंपा जा सके.”
सुरक्षा व बुनियादी सुविधाओं का अभाव
बैठक में श्रमिकों की सुरक्षा और बुनियादी सुविधाओं का मुद्दा प्रमुखता से उठा. वक्ताओं ने कहा कि खदानों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी हो रही है, जिससे आए दिन दुर्घटनाएं घटती रहती हैं. कोयला उत्तोलन के पश्चात खदानों के भीतर सुरक्षा के लिए अनिवार्य बालू भराई का कार्य समय पर नहीं किया जा रहा है. कार्यस्थल पर श्रमिकों के लिए शुद्ध पेयजल तक की उचित व्यवस्था नहीं है. सीटू नेताओं ने साफ किया कि इन तमाम समस्याओं और भ्रष्टाचार के खिलाफ आगामी 12 जनवरी को हड़ताल बुलायी गयी है. उन्होंने सभी श्रमिकों से एकजुट होकर इस हड़ताल में शामिल होने की अपील की, ताकि अपने हक की आवाज बुलंद की जा सके. इस प्रदर्शन और गेट मीटिंग के दौरान मुख्य रूप से मनोज दत्ता, भरत पासवान, मोहम्मद इलियास, देवाशीष बनर्जी, हिमाद्रि चक्रवर्ती, वशिष्ठ दुसाध और संदीप मुखर्जी सहित संगठन के दर्जनों समर्थक व श्रमिक उपस्थित थे.
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