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जब तक हक नहीं, तब तक काम भी नहीं

Prabhat Khabar
24 Dec, 2025
जब तक हक नहीं, तब तक काम भी नहीं

सरकारी स्वीकृति देने, न्यूनतम 15 हजार रुपये वेतन देने सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में ऑनरेरी हेल्थ वर्कर (एचएचडब्ल्यू)/ आशा कर्मी अर्बन कर्मियों का काम बंद करके आंदोलन दूसरे दिन भी जारी रहा.

आसनसोल.

सरकारी स्वीकृति देने, न्यूनतम 15 हजार रुपये वेतन देने सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में ऑनरेरी हेल्थ वर्कर (एचएचडब्ल्यू)/ आशा कर्मी अर्बन कर्मियों का काम बंद करके आंदोलन दूसरे दिन भी जारी रहा. पश्चिम बंग पौर स्वास्थ कर्मी (कंटेक्चुअल) यूनियन के बैनर तले आंदोलन करते हुए इन कर्मियों ने बुधवार को सुकांत मैदान इलाके में स्थित स्वास्थ्य विभाग के कार्यालय के समक्ष सुबह 11 बजे से अपरान्ह तीन बजे तक धरना पर बैठीं और वापस लौट आयीं. मंगलवार को यह कार्यक्रम आसनसोल नगर निगम कार्यालय के समक्ष चला था. यूनियन की पश्चिम बर्दवान जिला की सचिव मंजू चक्रवर्ती ने बताया कि 26 दिसंबर को जिला मुख्य स्वास्थ चिकित्सा अधिकारी (सीएमओएच) कार्यालय के समक्ष धरना पर एचएचडब्ल्यू के साथ आशा कर्मी (ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करनेवाली) भी शामिल होंगी. आशा कर्मी भी काम बंद करके आंदोलन में शामिल हो चुकी है. कुछ जगहों पर कल से ही काम बंद कर दिया गया है और बाकी जगहों पर कल से काम बंद होगा. गुरुवार को पूरे जिले से सभी कर्मी सीएमओएच कार्यालय पर धरना देंगे. जबतक सरकार हमारी मांगो पर सकारात्मक पहल नहीं करती है, तो यह यह आंदोलन लगातार जारी रहेगा. सीएमओएच डॉ. मोहम्मद यूनुस ने कहा कि आशा कर्मियों के काम बंद कर देने से मातृ व शिशु स्वास्थ्य, स्वास्थ्य शिक्षा व जागरूकता, आवश्यक दवाइयां घर-घर पहुंचाना, स्वास्थ्य सेवाओं तक लोगों की पहुंच में मदद, जन्म मृत्यु की रिपोर्टिंग, समुदाय को इकट्ठा करना और उन्हें स्वास्थ सेवाओं से जोड़ने आदि कार्य बुरी तरह प्रभावित होगा. इसमें सबसे अहम मातृ व शिशु स्वास्थ्य का कार्य है.गौरतलब है कि गर्भवती महिलाओं की देखभाल, शिशु टीकाकरण, परिवार नियोजन, स्वास्थ्य शिक्षा (पोषण, स्वच्छता, स्तनपान), सरकारी योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाना, ताकि लोग प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से जुड़ सकें और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकें आदि कार्य की जिम्मेदारी निभा रही आशा कर्मी (अर्बन) अपनी मांगों को लेकर कार्य बंदकर आंदोलन शुरू कर दिया है. जिसे लेकर स्वास्थ्य व्यवस्था पर गहरा असर पड़ने की संभावना है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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