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ChatGPT में ‘GPT’ का मतलब क्या है? दिन-रात यूज करने वाले भी नहीं जानते इसका जवाब

16/12/2025
ChatGPT में ‘GPT’ का मतलब क्या है? दिन-रात यूज करने वाले भी नहीं जानते इसका जवाब
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ChatGPT: आज हम में से ज्यादातर लोग रोजमर्रा के कामों में ChatGPT का यूज करते हैं. चाहे कोई सवाल पूछना हो, डेटा समझना और एनालिसिस करना हो, कोडिंग करनी हो, या अपने बॉस को भेजने के लिए ईमेल लिखवाना ही क्यों न हो, हम हमेशा इसका यूज करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं ChatGPT के आखिरी तीन अक्षर यानी GPT का पूरा नाम और मतलब क्या है?

ChatGPT: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI आज की दुनिया का एक तरह से ऑपरेटिंग सिस्टम बन चुका है. डेटा को समझने और एनालिसिस करने से लेकर चैटबॉट्स से होने वाली आसान बातचीत तक, इसका असर अब साफ दिखने लगा है. इस बदलाव के सेंटर में ChatGPT है, जो अब AI क्रांति का पहचान बन चुका है और टेक एक्सपर्ट्स से लेकर स्कूली बच्चों तक सभी के बीच काफी पॉपुलर है.

आज हम और आप इसका यूज कई तरह के कामों के लिए करते हैं. लेकिन आज भी कई लोग ChatGPT में लगे आखरी 3 अक्षर यानी GPT के पूरे नाम और इसके असली मतलब से अनजान हैं. क्या आपको पता है GPT का मतलब? आइए आपको बताते हैं.

क्या है GPT का फुल फॉर्म?

GPT के ये तीन अक्षर टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक अहम भूमिका निभाते हैं. दरअसल, GPT का मतलब होता है जेनरेटिव प्री-ट्रेंड ट्रांसफॉर्मर (Generative Pre-trained Transformer). इन शब्दों का मतलब समझना इसलिए जरूरी है, क्योंकि यही वजह है कि यह AI टेक्नोलॉजी इतनी असरदार और गेम-चेंजर साबित हुई है.

जेनरेटिव (Generative) का क्या मतलब है?

GPT मॉडल्स की सबसे बड़ी खासियत उनका ‘जनरेटिव’ होना है, जो इन्हें पुराने AI सिस्टम्स से अलग बनाती है. पहले के AI ज्यादातर पहचान या अनुमान लगाने जैसे कामों तक लिमिटेड थे, जैसे तस्वीरों में चीजों को पहचानना या शेयर मार्केट के दामों का अंदाजा लगाना. वहीं GPT को खास तौर पर नया कंटेंट बनाने के लिए तैयार किया गया है. यह बहुत बड़े डेटा पर ट्रेन होता है, जिससे यह इंसानी भाषा के पैटर्न और बारीकियों को समझ पाता है और बिल्कुल नेचुरल लगने वाला ओरिजिनल कंटेंट तैयार करता है.

प्री-ट्रेंड (Pre-trained) का क्या मतलब है?

किसी खास काम के लिए इस्तेमाल होने से पहले इन मॉडलों को एक लंबे और गहरे ट्रेनिंग प्रोसेस से गुजरना पड़ता है, जिसे ‘प्री-ट्रेनिंग’ कहा जाता है. इस दौरान AI को हजारों किताबों, आर्टिकल्स, वेबसाइट्स और दूसरे टेक्स्ट सोर्स से लिए गए बड़े डेटा पर ट्रेन किया जाता है. इससे मॉडल को लैंग्वेज, ग्रामर, फैक्ट्स और लोगों की सोच-समझ और रहन-सहन की जानकारी की अच्छी समझ मिलती है.

इसी वजह से GPT काफी मल्टीटैलेंट बन जाता है और बिना अलग-अलग ट्रेनिंग के रिसर्च का सार बताने से लेकर नॉर्मल सवालों के जवाब देने तक कई तरह के काम आसानी से कर पाता है.

ट्रांसफॉर्मर (Transformer) का क्या मतलब है?

Transformer को GPT के तकनीकी दिमाग के रूप में देखा जा सकता है. ये वही आर्किटेक्चरल ब्रेकथ्रू है जिसने इसकी क्षमताओं को खोल दिया. इसे 2017 में Google के रिसर्चर ने पेश किया था. Transformer मॉडल ने AI के भाषा को प्रोसेस करने के तरीके को पूरी तरह बदल दिया. इसके मूल में ‘Attention mechanism’ है, जो मॉडल को पूरे टेक्स्ट को एक साथ एनालाइज करने और सबसे महत्वपूर्ण शब्दों को सबसे पहले ध्यान देने में मदद करता है, चाहे वे वाक्य में कहीं भी हों.

यह भी पढ़ें: ChatGPT Adult Mode: 2026 में आयेगा फ्लर्टिंग और एडल्ट फीचर्स वाला नया चैटबॉट

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Ankit Anand

लेखक के बारे में

Ankit Anand

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अंकित आनंद ने GGSIP यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन में ग्रेजुएशन की है. वर्तमान में, वह प्रभात खबर.कॉम में टेक और वायरल सेक्शन की खबरें कवर करते हैं. प्रभात खबर में शामिल होने से पहले उन्होंने ZEE न्यूज़ में असिस्टेंट प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया है. इन्हें लाइफस्टाइल, ट्रैवल, स्पोर्ट्स और पॉलिटिक्स जैसे विषयों पर लिखने में रुचि है. इसके अलावा अंकित को नई चीजें सीखना, किताबे पढ़ना, फिल्में और क्रिकेट देखना पसंद है. और पढ़ें

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