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Joint Therapy: आमिर खान को बेटी के साथ जॉइंट थेरेपी लेने की क्यों पड़ी जरूरत, जानें इसकी वजह

26/11/2024
Joint Therapy: आमिर खान को बेटी के साथ जॉइंट थेरेपी लेने की क्यों पड़ी जरूरत, जानें इसकी वजह
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Joint Therapy: इस थेरेपी का उद्देश्य दो या दो से अधिक परिवार के सदस्यों के बीच संवाद को बेहतर बनाना, उनके रिश्ते को बेहतर बनाना और एक दूसरे के प्रति उनके गुस्से या नफरत को कम करना है.

Joint Therapy: हाल ही में बॉलीवुड एक्टर आमिर खान ने नेटफ्लिक्स इंडिया पर विवेक मूर्ति को इंटरव्यू दिया. इसमें उन्होंने बताया कि वह और उनकी बेटी इरा ‘ज्वाइंट थेरेपी’ ले रहे हैं, लेकिन क्या आपने ‘ज्वाइंट थेरेपी’ के बारे में सुना है? ‘ज्वाइंट थेरेपी’ क्या है? आज हम आपको ‘ज्वाइंट थेरेपी’ से जुड़े सभी पहलुओं के बारे में बताएंगे.

दरअसल, दो लोगों के बीच चाहे कैसा भी रिश्ता क्यों न हो, दूरियां आ ही जाती हैं. इसके बाद संवाद टूटने लगता है. एक समय तो रिश्ता और भी खराब हो जाता है, लेकिन क्या इसका कोई समाधान है? ऐसे लोगों के लिए फैमिली थेरेपी या जॉइंट थेरेपी समाधान हो सकता है.

हालांकि, अब भी थेरेपी लेना या मनोचिकित्सक के पास जाना बुरा माना जाता है. तलाक जैसे मामलों में कपल्स को थेरेपी लेने की सलाह दी जाती है. ताकि वे संवाद के जरिए अपने रिश्ते को बेहतर बना सकें.

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क्या है ‘ज्वाइंट थेरेपी’?

आपको बता दें कि फैमिली थेरेपी टॉक थेरेपी का ही एक हिस्सा है. जिसमें विशेषज्ञ एक परिवार या परिवार के कुछ लोगों को एक-दूसरे को समझने और उनकी समस्याओं को सुलझाने में मदद करते हैं. इस थेरेपी का उद्देश्य दो या दो से अधिक परिवार के सदस्यों के बीच संवाद को बेहतर बनाना, उनके रिश्ते को बेहतर बनाना और एक दूसरे के प्रति उनके गुस्से या नफरत को कम करना है.

‘ज्वाइंट थेरेपी’ का इस्तेमाल कब किया जाता है?

दरअसल इस थेरेपी का इस्तेमाल तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति अपने जीवन में होने वाली हर बात के लिए या तो परिवार को या परिवार की कुछ बातों को जिम्मेदार ठहराता है. इसके अलावा परिवार के कुछ सदस्यों का व्यवहार उस व्यक्ति को परेशान कर रहा हो, या पूरा परिवार उस व्यक्ति के व्यवहार से परेशान हो.

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अगर बाते कम और आरोप-प्रत्यारोप ज्यादा हो तो…

ऐसी स्थिति में सभी का एक साथ बैठकर समस्याओं का समाधान निकालना जरूरी है, लेकिन रिश्ते इतने तनावपूर्ण हो जाते हैं कि अगर बात भी करें तो सार्थक बातें कम और आरोप-प्रत्यारोप ज्यादा होते हैं. ऐसी स्थिति में ‘ज्वाइंट थेरेपी’ एक बेहतर विकल्प साबित हो सकती है. हाल ही में आमिर खान ने नेटफ्लिक्स इंडिया पर विवेक मूर्ति के साथ ‘ज्वाइंट थेरेपी’ के बारे में बात की. जिसके बाद से यह लगातार सुर्खियां बटोर रही है.

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Bimla Kumari

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Bimla Kumari

Contributor

I Bimla Kumari have been associated with journalism for the last 7 years. During this period, I have worked in digital media at Kashish News Ranchi, News 11 Bharat Ranchi and ETV Hyderabad. Currently, I work on education, lifestyle and religious news in digital media in Prabhat Khabar. Apart from this, I also do reporting with voice over and anchoring. और पढ़ें

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