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जयशंकर ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि दोनों देशों के बीच सात प्रमुख मुद्दों पर बातचीत हुई. इनमें आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, रक्षा क्षेत्र में साझेदारी और तकनीकी सहयोग शामिल रहे. पहले जर्मनी ने भारत को सैन्य साजो-सामान के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था, जिसे अब हटा लिया गया है. इसके अलावा रक्षा कंपनियों के बीच सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति बनी.

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इसरो दौरे से तकनीकी सहयोग को बढ़ावा

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अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा के दौरान जर्मन विदेश मंत्री वाडेफुल ने बेंगलुरु स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का दौरा किया. इस यात्रा को दोनों देशों के बीच वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है.

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Delighted to welcome FM @JoWadephul of Germany this morning in Delhi.

Held detailed discussions on our bilateral agenda as we prepare for the next round of Inter-Governmental Consultations. Explored greater collaboration in furthering industry linkages, talent mobility,… pic.twitter.com/3nzXrSkFET

— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 3, 2025
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बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर ने भारतीय मूल की चार वर्षीय बच्ची अरिहा शाह का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि इस बच्ची के सांस्कृतिक अधिकारों की रक्षा करना जरूरी है और यह सुनिश्चित होना चाहिए कि वह भारतीय संस्कृति में पले-बढ़े. अरिहा को जर्मन अधिकारियों ने उसके माता-पिता से अलग कर फोस्टर केयर में रखा है. यह कदम तब उठाया गया जब उसकी दादी से अनजाने में लगी चोट को दुर्व्यवहार मान लिया गया.

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अमेरिकी ट्रेड वार के बीच भारत बना गेमचेंजर, जर्मनी बोला- यूरोप की शांति की चाबी मोदी के पास

Prabhat Khabar
4 Sep, 2025
अमेरिकी ट्रेड वार के बीच भारत बना गेमचेंजर, जर्मनी बोला- यूरोप की शांति की चाबी मोदी के पास

India Germany Trade Relations: भारत-जर्मनी ने 50 अरब यूरो व्यापार दोगुना करने पर सहमति जताई. जयशंकर-वाडेफुल ने यूरोप में शांति, रक्षा सहयोग और तकनीकी साझेदारी पर भी चर्चा की.

India Germany Trade Relations: अमेरिका की टैरिफ नीति और वैश्विक व्यापार युद्ध के बीच भारत और जर्मनी ने अपने रिश्तों को नई दिशा देने की कोशिश तेज कर दी है. बुधवार को नई दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर और जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान डेविड वाडेफुल के बीच हुई बैठक में आर्थिक सहयोग, वैश्विक चुनौतियों और शांति बहाली जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. इस दौरान दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने और रक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई.

बैठक में सबसे अहम मुद्दा आर्थिक सहयोग रहा. भारत और जर्मनी के बीच पिछले साल का द्विपक्षीय व्यापार लगभग 50 अरब यूरो का था. दोनों देशों ने इस आंकड़े को दोगुना करने पर सहमति जताई. जयशंकर ने कहा कि भारत इस लक्ष्य को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है. वहीं, वाडेफुल ने भरोसा जताया कि भारत और यूरोपीय संघ (EU) के बीच मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को जल्द ही अंतिम रूप दिया जा सकता है. उन्होंने बिना नाम लिए अमेरिका पर निशाना साधते हुए कहा, “अगर अन्य देश व्यापार में रुकावटें पैदा करते हैं, तो हमें भी उसी तरह जवाब देना चाहिए.”

India Germany Trade Relations: यूरोप में शांति बहाली में भारत की भूमिका

यूक्रेन संकट पर चर्चा के दौरान वाडेफुल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात में शांति समझौते की जरूरत पर जोर दिया था, जो यूरोप के लिए अहम है. उन्होंने कहा कि भारत और जर्मनी हमेशा एक राय नहीं रखते, लेकिन यही वजह है कि जर्मनी चाहता है कि भारत अपने रूस से रिश्तों का इस्तेमाल शांति बहाली के लिए करे. वाडेफुल ने कहा, “शांति ही सुरक्षा, स्वतंत्रता और समृद्धि की नींव है.”

जयशंकर ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि दोनों देशों के बीच सात प्रमुख मुद्दों पर बातचीत हुई. इनमें आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, रक्षा क्षेत्र में साझेदारी और तकनीकी सहयोग शामिल रहे. पहले जर्मनी ने भारत को सैन्य साजो-सामान के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था, जिसे अब हटा लिया गया है. इसके अलावा रक्षा कंपनियों के बीच सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति बनी.

पढ़ें: पर्सनल टॉयलेट, चीन से उठा लाए अपनी पॉटी, किम जोंग उन का बाल-लार और बर्तनों पर कड़ी निगरानी

इसरो दौरे से तकनीकी सहयोग को बढ़ावा

अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा के दौरान जर्मन विदेश मंत्री वाडेफुल ने बेंगलुरु स्थित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का दौरा किया. इस यात्रा को दोनों देशों के बीच वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है.

बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर ने भारतीय मूल की चार वर्षीय बच्ची अरिहा शाह का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि इस बच्ची के सांस्कृतिक अधिकारों की रक्षा करना जरूरी है और यह सुनिश्चित होना चाहिए कि वह भारतीय संस्कृति में पले-बढ़े. अरिहा को जर्मन अधिकारियों ने उसके माता-पिता से अलग कर फोस्टर केयर में रखा है. यह कदम तब उठाया गया जब उसकी दादी से अनजाने में लगी चोट को दुर्व्यवहार मान लिया गया.

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