मधुपुर. शहर के भेड़वा नवाडीह स्थित राहुल अध्ययन केंद्र में अमर शहीद क्रांतिकारी राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खां, राजेंद्रनाथ लाहिड़ी, रौशन सिंह की शहादत दिवस व जनकवि अदम गोंडवी की पुण्यतिथि पर उन्हें याद किया गया. सभी विभूतियों की तस्वीर पर माल्यार्पण कर लोगों ने श्रद्धासुमन अर्पित किया. मौके पर धनंजय प्रसाद ने कहा कि देश की आजादी के लिए क्रांतिकारियों ने क्रांति की मार्ग अपना कर अंग्रेजी हुकूमत को शिकस्त देते रहे. उनके जज्बे को कुचलने के लिए अंग्रेजी आने क्रांतिकारियों को अलग-अलग जगह के जेलों रखकर आज के ही दिन फांसी की सजा दी. उन्हीं क्रांतिकारियों के वजह से आज हम आजाद हवा में सांस ले रहे है. आजादी के समय यह गीत बड़े ही शान के साथ गाते थे. शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वाले की यही बाकी निशा होगा. किन्तु आजादी के बाद शहीदों के प्रति ये जज्बा बिल्कुल खत्म सा होता गया. आज शहीदों को याद करने वाले लोग नाममात्र के बचे हुए है. आजादी के इतने वर्षों बाद किसी सत्तासीनों ने देश पर मर मिटने वाले शहीदों को शहादत का दर्जा तक नहीं दिला पाये. उन्होंने कहा कि अदम गोंडवी जनकवि थे. वे ताजिंदगी मुफलिसी में जिया पर समझौता नहीं किया. वे हमेशा जनहित में अपनी कलम चलाते रहे और व्यवस्था से टकराते रहे. अन्य लोगों ने भी अपने विचार रखे. हाइलार्ट्स: राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खां, राजेन्द्र नाथ लाहिड़ी, रौशन सिंह व अदम गोंडवी की पुण्यतिथि पर किया गया याद मधुपुर के भेड़वा नवाडीह स्थित राहुल अध्ययन केंद्र में आयोजन
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है







