बेगूसराय. जिले में मौसम के रुख में अचानक आए बदलाव से ठंड में वृद्धि हो गयी. गुरुवार को दिनभर धूप नहीं के बराबर दिखाई पड़ी. आकाश में बादल छाये रहे पछिया हवा के कारण कनकनी भी बढ़ गयी. धूप नहीं उगने के कारण अधिकतम तापमान और न्यूनतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस लुढक गयी. अधिकतम तापमान 24 डिग्री तथा न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस रहा. पछिया हवा 08-10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चली. मौसम में आये बदलाव के कारण शहरी जनजीवन पर काफी असर पड़ा. खासकर बच्चे और बूढ़े सड़कों पर कम दिखाई पड़े.लोग अधिक गर्म कपड़े पहन कर घरों से निकले. अहले सुबह हल्का कुहासा भी रहा. मौसम में आए बदलाव से किसानों व गर्म कपड़ों के व्यापारियों में खुशी छा गयी. हर वर्ष ठंड के पूर्व कपड़ों के व्यवसाय करने वाले दुकानदार अपने दुकानों में गर्म कपड़ों का बड़ा स्टाक कर अपनी बड़ी पूंजी गर्म कपड़ों में ही लगा देते हैं.इस वर्ष अभी तक स्थिर तरीके ठंड ने अपना तेवर नहीं दिखाया. जिस कारण से गर्म कपड़ों के व्यापारियों में ज्यादा ठंड नहीं शुरु होने के कारण निराशा छायी थी.परंतु गुरूवार को हुए मौसम परिवर्तन से गर्म कपड़ों के व्यवसाय में गर्माहट आ गयी है.शहर के स्थाई व अस्थाई गर्म कपड़ों के बाजार में भीड़ जुटने लगी है. मौसम विभाग के अनुसार 22 दिसंबर के बाद बिहार में शीतलहर का असर और तेज हो सकता है. घने कोहरे के साथ-साथ न्यूनतम तापमान में 1 से 3 डिग्री तक और गिरावट आने की संभावना है. विशेषज्ञों का मानना है कि 19 दिसंबर के बाद ठंड की तीव्रता में अचानक बढ़ोतरी महसूस की जा सकती है.
खेतों में पाला गिरने पर फसलों को नुकसान का बढ़ेगा खतरा
रबी फसल के उत्पादन में अनुकूल तापमान का होना बहुत ही आवश्यक है. यदि दिन का तापमान अधिक रहता है, तो फसलों पर खासकर गेंहू पर बुरा प्रभाव पड़ता है. दिसबंर माह में भी लगातार अधिकतम तापमान बढे रहने से किसान परेशान थे. अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस बनी हुई थी तथा न्यूनतम तापमान 15 डिग्री. बनी हुई थी.कृषि विशेषज्ञ का कहना है कि रबी की प्रमुख फसल गेहूं पौधों की वृद्धि के लिए जब अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेंटीग्रेड से बढ़ जाता है, तो उपज पर असर पड़ता है. हालांकि काफी अधिक तापमान गिर जाने पर ग्रामीण इलाकों के लिए पाले की चेतावनी भी अहम हो जाती है. मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर रातें और ठंडी होती हैं तो खेतों में पाला गिरने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. इससे फसलों को नुकसान का खतरा बढ़ सकता है, खासकर सब्जियों और रबी की फसलों पर असर पड़ सकता है. सुबह के समय घना कोहरा रेल और सड़क यातायात के लिए परेशानी का कारण बनेगा. कोहरे को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. विजिबिलिटी कम होने से हाइवे और रेलवे ट्रैक पर आवाजाही प्रभावित हो सकती है.पश्चिमी विक्षोभ से बढ़ी ठिठुरन
मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक 17 दिसंबर से सक्रिय हुआ है. पश्चिमी विक्षोभ हिमालयी इलाकों में असर दिखा रहा है. जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बर्फबारी की संभावना जताई गई है.इसका सीधा असर बिहार के मैदानी क्षेत्रों पर पड़ रहा है. जहां पहाड़ों से उतरने वाली सर्द पछुआ हवाएं तापमान को लगातार नीचे धकेल रही हैं. विभाग का कहना है कि इसके चलते राज्य के कई हिस्सों में बादल छा सकते हैं और हल्की बारिश या बूंदाबांदी की स्थिति भी बन सकती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

