आइआइटी (आइएसएम) धनबाद के डॉ संजीव साहू ने दिया ज्ञानवर्धक व्याख्यान
मगध विश्वविद्यालय के गणित विभाग ने मनाया राष्ट्रीय गणित दिवस
वरीय संवाददाता, बोधगया.
मगध विश्वविद्यालय के गणित विभाग में सोमवार को महान भारतीय गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय गणित दिवस का भव्य व प्रेरणादायक आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों, शोधार्थियों व शिक्षकों में गणित के प्रति रुचि, तार्किक सोच और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को सुदृढ़ करना था. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता प्रो एसएनपी यादव दीन ने की. कार्यक्रम का शुभारंभ विभागाध्यक्ष सह आयोजन संयोजक डॉ सुनील सुमन के स्वागत संबोधन से हुआ, जिसमें उन्होंने गणित के शैक्षणिक, शोधात्मक व सामाजिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए रामानुजन के योगदान को स्मरण किया. मुख्य वक्ता के रूप में आइआइटी (आइएसएम) धनबाद से डॉ संजीव साहू ने रामानुजन की विरासत के पीछे की रोचक कहानी, विषय पर अत्यंत विचारोत्तेजक एवं ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया. उनके वक्तव्य ने यह स्पष्ट किया कि किस प्रकार रामानुजन की असाधारण प्रतिभा आज भी आधुनिक गणित को दिशा प्रदान कर रही है. कार्यक्रम की थीम का औपचारिक परिचय आयोजन सचिव डॉ पिंटू सामंता ने दिया. संपूर्ण कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ अमर किशोर ने किया. इस कार्यक्रम के दौरान डॉ कुमार विशाल, डॉ मनोज कुमार सिंह, नीतीशा भारती, डॉ धर्मेंद्र कुमार व आदित्य भारती की गरिमामयी उपस्थिति रहीं, जिससे कार्यक्रम की शोभा और भी बढ़ी. अंत में डॉ प्रयाग प्रसाद ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए सभी अतिथियों, वक्ताओं, शिक्षकों, विद्यार्थियों एवं आयोजन से जुड़े सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया. पीजी गणित विभाग की ओर से आयोजित राष्ट्रीय गणित दिवस का यह कार्यक्रम अत्यंत सफल, ज्ञानवर्धक एवं प्रेरणादायक रहा, जिसने विद्यार्थियों में गणित के प्रति नयी ऊर्जा, उत्साह और आत्मविश्वास का संचार किया.आठवीं के छात्र अंशुमान की गणितीय क्षमता ने सभी को किया मुग्ध
कार्यक्रम का सबसे आकर्षक एवं प्रेरणादायक पक्ष कक्षा आठ के युवा गणित प्रतिभा अंशुमान राज (जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल, गया) का व्याख्यान रहा. अल्प आयु में ही अंशुमान राज अपनी असाधारण गणितीय क्षमता के साथ जटिल व अत्यंत कठिन गणितीय समस्याओं को सहजता से हल करने की योग्यता रखते हैं और जटिल अवधारणाओं पर उनकी गहरी पकड़ सभी के लिए आश्चर्य का विषय बना रहा. अपने वक्तव्य में उन्होंने भारत के प्रसिद्ध गणितज्ञों के योगदान को सरल, तार्किक एवं आत्मविश्वासपूर्ण शैली में प्रस्तुत किया. यह विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा कि अंशुमान राज न केवल कठिन गणितीय समस्याओं को सुलझाने में दक्ष हैं, बल्कि भविष्य में कई अभी तक अनसुलझी गणितीय समस्याओं को हल करने की क्षमता और दृष्टि भी रखते हैं. उनकी विश्लेषणात्मक सोच, जिज्ञासा और नवाचारी दृष्टिकोण ने उन्हें कार्यक्रम का स्टार परफॉर्मर बना दिया और विद्यार्थियों के लिए वे एक प्रेरणास्रोत के रूप में उभरे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है









