अपने पसंदीदा शहर चुनें

India Inflation: महंगाई की टूट गई कमर? नवंबर में शून्य से -0.32% नीचे, क्या अब सस्ते होंगे सामान?

Prabhat Khabar
15 Dec, 2025
India Inflation: महंगाई की टूट गई कमर? नवंबर में शून्य से -0.32% नीचे, क्या अब सस्ते होंगे सामान?

India Inflation: भारत की थोक महंगाई नवंबर में शून्य से नीचे -0.32% पर पहुंच गई है, जो लगातार दूसरा महीना है, जब डब्ल्यूपीआई नकारात्मक रही. खाद्य पदार्थों, दाल, आलू और प्याज की कीमतों में बड़ी गिरावट से राहत के संकेत मिले हैं. हालांकि, खुदरा महंगाई 0.71% पर बनी हुई है. आरबीआई ने रेपो रेट घटाकर 5.25% किया है और जीडीपी ग्रोथ अनुमान 7.3% किया गया है.

India Inflation: भारत की थोक महंगाई नवंबर महीने में शून्य से नीचे -0.32% पर पहुंच गई है. सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, यह लगातार दूसरा महीना है, जब थोक महंगाई नकारात्मक दायरे में रही. इससे पहले अक्टूबर में थोक मुद्रास्फीति -1.21% दर्ज की गई थी, जबकि नवंबर 2024 में यह 2.16% के स्तर पर थी. आंकड़े यह संकेत दे रहे हैं कि थोक बाजार में कीमतों का दबाव तेजी से कम हुआ है.

किन वजहों से घटी थोक मुद्रास्फीति

उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, थोक महंगाई में गिरावट की सबसे बड़ी वजह खाद्य पदार्थों, खनिज तेलों, कच्चे पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, बुनियादी धातुओं और बिजली की कीमतों में कमी रही है. इन सभी सेक्टरों का थोक मूल्य सूचकांक में बड़ा योगदान होता है. इसलिए इनमें आई नरमी का सीधा असर कुल मुद्रास्फीति पर पड़ा.

खाद्य महंगाई में आई बड़ी राहत

डब्ल्यूपीआई के आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर में खाद्य पदार्थों की महंगाई दर घटकर 4.16% रह गई, जो अक्टूबर में 8.31% थी. यानी महज एक महीने में खाद्य महंगाई लगभग आधी हो गई. सब्जियों की महंगाई दर भी नवंबर में 20.23% रही, जबकि अक्टूबर में यह 34.97% के बेहद ऊंचे स्तर पर थी. इससे यह संकेत मिलता है कि रसोई से जुड़ी चीजों में कीमतों का दबाव कुछ हद तक कम हुआ है.

दाल, आलू और प्याज हुए सस्ते

नवंबर के आंकड़ों में सबसे राहत देने वाली बात दालों और सब्जियों की कीमतों में आई तेज गिरावट है. दालों की कीमतों में 15.21% की गिरावट दर्ज की गई. आलू के दाम 36.14% तक टूटे. प्याज की कीमतों में 64.70% की बड़ी गिरावट देखने को मिली. ये आंकड़े आम आदमी के लिए राहत की खबर हैं, क्योंकि दाल, आलू और प्याज रोजमर्रा की जरूरत का अहम हिस्सा हैं.

विनिर्मित उत्पादों में भी नरमी

विनिर्मित उत्पादों की बात करें, तो नवंबर में इनकी मुद्रास्फीति घटकर 1.33% रह गई, जो अक्टूबर में 1.54% थी. इससे संकेत मिलता है कि फैक्ट्रियों में बनने वाले सामानों की लागत पर भी दबाव कम हो रहा है, जिसका असर आने वाले समय में खुदरा कीमतों पर पड़ सकता है.

ईंधन और बिजली की कीमतों का हाल

नवंबर में ईंधन और बिजली की महंगाई दर 2.27% रही, जबकि अक्टूबर में यह 2.55% थी. हालांकि, इसमें गिरावट सीमित रही, लेकिन यह भी कुल थोक महंगाई को नीचे लाने में सहायक रही है.

खुदरा महंगाई में उलटा रुख

हालांकि, थोक महंगाई में गिरावट के बावजूद खुदरा महंगाई (सीपीआई इन्फ्लेशन) में नवंबर में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई. पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य पदार्थों की ऊंची कीमतों के चलते खुदरा महंगाई 0.25% से बढ़कर 0.71% हो गई. यही वजह है कि आम आदमी को बाजार में अभी भी पूरी राहत महसूस नहीं हो रही है.

आरबीआई की नीति और ब्याज दरें

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) खुदरा महंगाई को अपनी मौद्रिक नीति का मुख्य आधार मानता है. इसी को देखते हुए केंद्रीय बैंक ने इस महीने की शुरुआत में रेपो रेट में 0.25% की कटौती करते हुए इसे 5.25% कर दिया. इससे कर्ज सस्ता होने और आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार मिलने की उम्मीद है.

जीडीपी ग्रोथ पर मजबूत भरोसा

महंगाई के मोर्चे पर राहत के बीच आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी वृद्धि अनुमान 6.8% से बढ़ाकर 7.3% कर दिया है. भारत की अर्थव्यवस्था ने जुलाई-सितंबर तिमाही में 8.2% और अप्रैल-जून तिमाही में 7.8% की मजबूत वृद्धि दर्ज की है.

इसे भी पढ़ें: शेफ संजीव कपूर की वंडरशेफ बनी मनी मशीन! FY25 में बटोरी 421 करोड़ का रेवेन्यू, 1000 करोड़ पर नजर

आम आदमी को कब मिलेगी पूरी राहत?

थोक महंगाई के नकारात्मक स्तर पर पहुंचने से संकेत जरूर मिलते हैं कि कीमतों का दबाव कम हो रहा है, लेकिन असली राहत तभी मिलेगी, जब इसका असर खुदरा बाजार तक पहुंचेगा. अगर आने वाले महीनों में खाद्य और ईंधन की कीमतें स्थिर रहीं, तो आम आदमी की जेब पर महंगाई का बोझ और हल्का हो सकता है.

भाषा इनपुट के साथ

इसे भी पढ़ें: Share Listing: कोरोना रेमेडीज की शेयर बाजार में धमाकेदार एंट्री, निवेशकों को जबरदस्त मुनाफा

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Download from Google PlayDownload from App Store