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MGNREGA Strike: 52 दिनों से हड़ताल पर बैठे मनरेगाकर्मियों की पीड़ा, वादा भूल गए सीएम हेमंत सोरेन

MGNREGA Strike: 52 दिनों से हड़ताल पर बैठे मनरेगाकर्मियों की पीड़ा, वादा भूल गए सीएम हेमंत सोरेन
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MGNREGA Jharkhand: झारखंड के पलामू जिले में मनरेगाकर्मी हड़ताल पर हैं. सेवा स्थायी करने समेत अन्य मांगों को लेकर वे आंदोलित हैं. उन्होंने राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया.

MGNREGA Strike: मेदिनीनगर, चंद्रशेखर सिंह -पलामू जिले के मनरेगाकर्मी अपनी मांगों को लेकर 52 दिनों से हड़ताल पर हैं. उनमें राज्य सरकार के खिलाफ नाराजगी है. उन्होंने कहा कि सत्ता में आने से पहले हेमंत सोरेन ने सेवा स्थायी करने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आते ही वे अपना वादा भूल गए. सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है. लिहाजा, वे हड़ताल पर बैठने को मजबूर हैं.

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं मनरेगाकर्मी

सेवा स्थायी करने समेत अन्य मांगों को लेकर पलामू जिले के मनरेगाकर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. पिछले 52 दिनों से मनरेगाकर्मी आंदोलन पर डटे हुए हैं. समाहरणालय के समक्ष धरना प्रदर्शन करते हुए मनरेगाकर्मियों ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और अपनी मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद की.

सहमति के बाद भी नहीं मिला लिखित समझौता पत्र

मनरेगा कर्मचारी संघ के पलामू जिला अध्यक्ष पंकज सिंह ने कहा कि उनकी सभी मांगें जायज हैं. राज्य सरकार की हठधर्मिता के कारण मनरेगाकर्मियों में आक्रोश है. कुछ दिन पूर्व झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री से मनरेगा कर्मचारी संघ की वार्ता हुई, लेकिन मांगों पर उनकी सहमति होने के बावजूद संघ को लिखित समझौता पत्र उपलब्ध नहीं कराया गया. ऐसी स्थिति में मनरेगाकर्मियों ने हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अंग्रेजी हुकूमत की तरह शासन कर रहे हैं. उन्हें आम जनता के दु:ख-दर्द और मनरेगाकर्मियों की समस्या से कोई मतलब नहीं है. यही वजह है कि मनरेगाकर्मियों का शोषण वर्षों से किया जा रहा है.

सत्ता में आते ही वादा भूल गए हेमंत सोरेन

मनरेगा कर्मचारी संघ के लोगों ने कहा कि सत्ता में आने से पहले हेमंत सोरेन ने सेवा स्थायी करने का वादा किया था, लेकिन सत्ता हासिल करने के बाद वे सबकुछ भूल गए. मौके पर विकास पाण्डेय, रामाकांत तिवारी, अख्तर हुसैन, नारद यादव, पवन गंगा, आशीष कुमार गुप्ता, स्वीटी सिन्हा, ललित सिंह, पप्पू जायसवाल, शम्भू राम, दिलीप पाण्डेय, मनोज चौबे, धीरज चौबे, गिरेन्द्र मिश्रा सहित कई मनरेगा कर्मी मौजूद थे.

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Guru Swarup Mishra

लेखक के बारे में

Guru Swarup Mishra

Contributor

मैं गुरुस्वरूप मिश्रा. फिलवक्त डिजिटल मीडिया में कार्यरत. वर्ष 2008 से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत. आकाशवाणी रांची में आकस्मिक समाचार वाचक रहा. प्रिंट मीडिया (हिन्दुस्तान और पंचायतनामा) में फील्ड रिपोर्टिंग की. दैनिक भास्कर के लिए फ्रीलांसिंग. पत्रकारिता में डेढ़ दशक से अधिक का अनुभव. रांची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में एमए. 2020 और 2022 में लाडली मीडिया अवार्ड. और पढ़ें

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