Steering Wheel In India: अगर आप भारत में गाड़ी चलाते हैं या बैठ के सफर करते हैं, तो आपने जरूर ध्यान दिया होगा कि ज्यादातर गाड़ियों में स्टीयरिंग दाईं तरफ होती है. जबकि कई दूसरे देशों में स्टीयरिंग बाईं ओर होती है. अगर आपको भी लगता है कि ये बस एक संयोग है तो ऐसा नहीं है. इसके पीछे इतिहास, रोड सेफ्टी और सालों से बनी ड्राइविंग की आदतें हैं.
भारत में सड़क के बाईं ओर गाड़ी चलाने का नियम है, जो ब्रिटिश राज के समय से चला आ रहा है. उस दौर में अंग्रेजों ने यहां सड़क व्यवस्था और ट्रैफिक के नियम लागू किए थे, जो बिल्कुल ब्रिटेन जैसे थे. चूंकि ब्रिटेन में भी बाईं तरफ गाड़ी चलाई जाती है, इसलिए भारत ने भी यही सिस्टम अपनाया और आजादी के बाद भी यह नियम जारी रहा. इतना ही नहीं स्टीयरिंग का दाईं तरफ होने के और भी कई कारण हैं. आइए जानते हैं.
बेहतर विजिबिलिटी और रोड सेफ्टी
भारत जैसे देशों में, जहां गाड़ियां सड़क के बाईं तरफ चलती हैं, स्टेयरिंग का दाईं ओर होना काफी फायदेमंद माना जाता है. इससे ड्राइवर को सामने से आने वाले गाड़ियों को साफ देखने में आसानी होती है, खासकर तब जब दो लेन वाली सड़कों पर धीमी गाड़ी को ओवरटेक करना हो, जो आज भी कई इलाकों में आम है.
इसके अलावा, दाईं तरफ बैठा ड्राइवर सड़क के किनारे चलने वाले पैदल यात्रियों और साइकिल सवारों पर भी बेहतर नजर रख पाता है. गाड़ी का सेंटर के पास होना ड्राइवर की सतर्कता बढ़ाता है और किसी भी खतरे पर जल्दी रिएक्शन देने में मदद करता है.
सभी तरह की गाड़ियों में एक-जैसा सिस्टम
भारत की सड़कों पर कार, बस, ट्रक, बाइक और ऑटो-रिक्शा जैसे कई तरह की गाड़ियां चलती हैं और सभी बाईं तरफ से ही चलते हैं. ऐसे में गाड़ियों में स्टीयरिंग दाईं ओर होने से सभी वाहनों में एक-जैसा सिस्टम बना रहता है. इससे ट्रैफिक ज्यादा समझ में आने वाला होता है और ड्राइवरों को कन्फ्यूजन भी कम होता है.
खासतौर पर कमर्शियल गाड़ियां और पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए दाईं तरफ स्टीयरिंग फायदेमंद होता है, क्योंकि हाईवे या संकरी सड़कों पर ओवरटेक करते समय और लेन बदलते वक्त ड्राइवर को सड़क की स्थिति साफ दिखती है.
दुनिया भर की परंपरा और कानून के नियम
दुनिया भर में करीब 75 देश ऐसे हैं, जैसे यूके, जापान, ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड और साउथ अफ्रीका, जहां गाड़ियां सड़क के बाएं तरफ चलाई जाती हैं और स्टेयरिंग दाईं ओर होती है. भारत भी इसी सिस्टम को फॉलो करता है, इसलिए यहां की व्यवस्था इन देशों जैसी है.
भारत में मोटर व्हीकल कानून के तहत बाईं तरफ गाड़ी चलाना जरूरी है और जो भी वाहन यहां बेचे जाते हैं, उन्हें इन्हीं नियमों के मुताबिक होना होता है. लेफ्ट हैंड ड्राइव गाड़ियों को भारत में लाने पर रोक है और खास हालात में ही इसकी इजाजत मिलती है.
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