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Ahoi Mata Chalisa: अहोई अष्टमी पर इस चालीसा करें पाठ, जानें अहोई माता की चालीसा के फायदे

Prabhat Khabar
11 Oct, 2025
Ahoi Mata Chalisa: अहोई अष्टमी पर इस चालीसा करें पाठ, जानें अहोई माता की चालीसा के फायदे

Ahoi Mata Chalisa: इस साल अहोई अष्टमी 13 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा, इस दिन सभी माताओं को अहोई माता की चालीसा जरुर पढ़ना चाहिए, जानिए चालीसा पढ़ने से क्या लाभ होते हैं.

Ahoi Mata Chalisa: अहोई अष्टमी के दिन माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र और कल्याण के लिए पूजती हैं. माता अहोई माता अहोई की पूजा में कथा, भजन और विशेष व्रत का पालन किया जाता है. खास कर संतान प्राप्ति और संतानों की सुरक्षा के लिए माता की पूजा की जाती है.

अहोई माता की चालीसा

॥ दोहा ॥ 

अहोई माता विनति सुनो,

सेवक की रखो लाज।

संतान सुख समृद्धि दो,

पूरण हो सब काज॥

॥ चौपाई ॥

जय अहोई अंबे जगदम्बा।

सदा सहाय करो सुख कंबा॥

नारी तव व्रत करती प्यारी।

सुत सुख पाए सदा सुखकारी॥

निर्धन धनी, हीन सुख पावे।

दरिद्र मिटे, वैभव बरसावे॥

सिंहासिन तू जगत भवानी।

भक्त बचावन वाली रानी॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावा।

भक्त मनोवांछित फल पावा॥

पुत्रवती नारी सुख पावे।

पुत्रहीन के पुत्र बसावे॥

सुख सम्पत्ति देहि जगदम्बा।

दुख दरिद्र मिटे सब कंबा॥

अष्टमी तिथि व्रत जो नारी।

करहि श्रद्धा सहित तैयारी॥

सदा सुहागिन वह नारी होई।

कृपा करें जगजननि अहोई॥

॥ दोहा ॥

अहोई माता की कृपा,

रहे सदा परिवार।

संतान सुख वैभव बढ़े,

मिटे पाप संहार॥

अहोई माता चालीसा के फायदे

संतान का स्वास्थ्य और लंबी उम्र: चालीसा पढ़ने से बच्चों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और उनकी उम्र लंबी होती है.

संतान सुख: यह पाठ उन परिवारों के लिए अच्छा है, जिन्हें संतान सुख में परेशानी होती है.

घर में शांति और खुशहाली: माता अहोई की पूजा से घर में प्यार, सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है.

बुरी चीज़ों से बचाव: नियमित पाठ से बुरी शक्तियां दूर रहती हैं और मन शांत रहता है.

विश्वास और हिम्मत बढ़ाना: चालीसा पढ़ने से श्रद्धा और आत्मविश्वास बढ़ता है.

बच्चों की भलाई: जो बच्चे बार-बार बीमार पड़ते हैं या कमज़ोर होते हैं, उनके लिए पाठ और व्रत बहुत फायदेमंद है.

अहोई अष्टमी के दिन कौन से मंत्रों का करें जाप?

अहोई अष्टमी के अवसर पर भक्तों को विशेष रूप से “ॐ पार्वतीप्रिय-नंदनाय नमः” मंत्र का जप करने की सलाह दी जाती है. इसे श्रद्धा और ध्यान के साथ दोहराने से माता अहोई की कृपा प्राप्त होती है और व्रत का पुण्य अधिक होता है.

अहोई चालीसा कब पढ़ना चाहिए?

विशेष रूप से अहोई अष्टमी के दिन इसे पढ़ना शुभ माना जाता है, लेकिन भक्त इसे पूरे साल किसी भी दिन पढ़ सकते हैं.

अहोई चालीसा क्या केवल महिलाएं पढ़ सकती हैं?

नहीं, चालीसा सभी भक्त पढ़ सकते हैं, लेकिन खासकर माताएं अपने बच्चों की भलाई के लिए इसे पढ़ती हैं.

अहोई अष्टमी का महत्व क्या है?

यह त्यौहार माताओं द्वारा अपने बच्चों की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए मनाया जाता है.

राधा कुंड का अहोई अष्टमी में क्या महत्व है?

मथुरा का राधा कुंड इस दिन विशेष पवित्र माना जाता है. श्रद्धालु यहां स्नान करते हैं और माता अहोई की आराधना करते हैं.

अहोई अष्टमी व्रत कैसे किया जाता है?

माताएं संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं. दिनभर उपवास करती हैं और रात में तारे देखने के बाद व्रत खोलती हैं.

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और परंपरागत जानकारियों पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.

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