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भाजपा प्रवक्ता ने क्या कहा ? 

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भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि सरकार दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी.  उन्होंने कहा कि सबसे संतोषजनक बात यह है कि उद्घाटन से पहले रोपवे का ट्रायल किया गया, जिससे किसी बड़े हादसे से बचाव हो सका.  भाजपा ने मांग की है कि इस घटना के लिए जिम्मेदार ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और उसी की लागत से रोपवे का निर्माण नए सिरे से कराया जाए, जैसा कि सरकार पहले भी कर चुकी है. 

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कांग्रेस ने क्या कहा ? 

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कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा कि कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार के मंत्री जीतन राम मांझी पहले ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि यह 10 प्रतिशत कमीशन वाली सरकार है.  ऐसे में यह समझना कठिन नहीं है कि रोपवे निर्माण में भी कमीशनखोरी हुई होगी. कमीशन देने के बाद ठेकेदार ने घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया, जिससे यह परियोजना धराशायी हो गई. उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार सरकार ने जनता की गाढ़ी कमाई के लगभग 14 करोड़ रुपये डुबो दिए और राज्य कमीशनखोरी में डूबता जा रहा है, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बेपरवाह नजर आ रहे हैं. 

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क्या है पूरा मामला ? 

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बिहार के रोहतास जिले के रोहतास किला तक जाने के लिए बन रहे रोपवे ट्रायल के दौरान अचानक गिर पड़ा.  रोपवे के कई खंभे उखड़ गए, वहीं ट्रायल के समय यात्रियों के बैठने वाला केबिन भी टूटकर नीचे गिर गया. राहत की बात यह रही कि ट्रायल के दौरान केबिन में कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था, जिससे किसी बड़ी जनहानि से बचाव हो सका. 

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ट्रायल के दौरान 13 करोड़ का रोप-वे गिरा

रोहतास में निर्माणाधीन रोप-वे ट्रायल के दौरान धराशायी हो गया. पिलर नहीं झेल सका ट्रॉली का भार, जिससे पिलर और ट्रॉली दोनों नीचे गिरे.

रोहतास प्रखंड मुख्यालय से चौरासन मंदिर तक दुर्गम रास्ते को सुगम बनाने के लिए बनाया जा रहा था यह रोप-वे.… pic.twitter.com/RNxVKKUTZY

— Prabhat Khabar (@prabhatkhabar) December 27, 2025
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नीतीश कुमार हाथों होना था उद्घाटन

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नए साल के अवसर पर इस रोपवे का उद्घाटन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों होना था. 13 करोड़ 65 लाख रुपये की लागत से यह प्रोजेक्ट पिछले 6 सालों से चल रहा था. साल 2019 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी आधारशिला रखी थी, लेकिन उद्घाटन से पहले हुए ट्रायल में ही यह परियोजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती नजर आई. 

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Also read: उद्घाटन से पहले ही बिहार में गिरी रोहतास रोपवे, जाने कितने करोड़ पूरी हुई थी यह परियोजना

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मंदिर तक हैं 84 सीढ़ियां 

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चौरासन मंदिर एक प्राचीन शिव मंदिर है. श्रद्धालु 84 सीढ़ियां चढ़कर मंदिर तक पहुंचते हैं. ऐसा माना जाता है कि राजा हरिश्चंद्र ने यज्ञ करने के बाद इस मंदिर का निर्माण करवाया था. यह मंदिर रोहितेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है. मंदिर तक जाने वाली 84 सीढ़ियों के कारण इसका नाम “चौरासन” पड़ा है और इसे स्थानीय भाषा में ‘चौरासन सिद्धि’ कहा जाता है. 

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रोपेवे हादसे के बाद गरमाई सियासत, राजद-कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना, क्या है पूरा मामला ?  

Prabhat Khabar
27 Dec, 2025
रोपेवे हादसे के बाद गरमाई सियासत, राजद-कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना, क्या है पूरा मामला ?  

Bihar Politics: रोहतास में 13.65 करोड़ का रोपवे ट्रायल के दौरान गिरने से बड़ा हादसा टल गया. घटना के बाद सियासत तेज हो गई है. RJD और कांग्रेस ने कमीशनखोरी का आरोप लगाया, जबकि भाजपा ने दोषियों पर कार्रवाई और ठेकेदार से दोबारा बनाने का आश्वासन दिया है. 

Bihar Political News: बिहार के रोहतास में बन रहे 13 करोड़ रुपए की रोपवे ट्रायल के दौरान धराशाई होने की घटना को लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है. इस घटना में रोपवे के पिलर और ट्रॉली अचानक गिर गए. इस घटना के बाद सियासी बयानबाजी बढ़ गई है. एक तरफ राजद ने सरकार पर कमिशनखोरी का आरोप लगाया है तो वही भाजपा ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है. 

RJD ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट 

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा कि 1 जनवरी को आम जनता के लिए यह रोप वे खोला जाने वाला था. ईश्वर ने सरकार में बैठे भ्रष्ट भूखे भेड़ियों से सैकड़ों मासूम जानों को बचा लिया. वहीं राजद के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि रोहतास किला जाने के लिए बनाया जा रहा रोपवे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. यह घटना बिहार में विकास के नाम पर हो रहे संगठित भ्रष्टाचार का जीता-जागता उदाहरण है. 

भाजपा प्रवक्ता ने क्या कहा ? 

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि सरकार दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी.  उन्होंने कहा कि सबसे संतोषजनक बात यह है कि उद्घाटन से पहले रोपवे का ट्रायल किया गया, जिससे किसी बड़े हादसे से बचाव हो सका.  भाजपा ने मांग की है कि इस घटना के लिए जिम्मेदार ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और उसी की लागत से रोपवे का निर्माण नए सिरे से कराया जाए, जैसा कि सरकार पहले भी कर चुकी है. 

कांग्रेस ने क्या कहा ? 

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा कि कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा कि केंद्र सरकार के मंत्री जीतन राम मांझी पहले ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि यह 10 प्रतिशत कमीशन वाली सरकार है.  ऐसे में यह समझना कठिन नहीं है कि रोपवे निर्माण में भी कमीशनखोरी हुई होगी. कमीशन देने के बाद ठेकेदार ने घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया, जिससे यह परियोजना धराशायी हो गई. उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार सरकार ने जनता की गाढ़ी कमाई के लगभग 14 करोड़ रुपये डुबो दिए और राज्य कमीशनखोरी में डूबता जा रहा है, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बेपरवाह नजर आ रहे हैं. 

क्या है पूरा मामला ? 

बिहार के रोहतास जिले के रोहतास किला तक जाने के लिए बन रहे रोपवे ट्रायल के दौरान अचानक गिर पड़ा.  रोपवे के कई खंभे उखड़ गए, वहीं ट्रायल के समय यात्रियों के बैठने वाला केबिन भी टूटकर नीचे गिर गया. राहत की बात यह रही कि ट्रायल के दौरान केबिन में कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था, जिससे किसी बड़ी जनहानि से बचाव हो सका. 

नीतीश कुमार हाथों होना था उद्घाटन

नए साल के अवसर पर इस रोपवे का उद्घाटन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों होना था. 13 करोड़ 65 लाख रुपये की लागत से यह प्रोजेक्ट पिछले 6 सालों से चल रहा था. साल 2019 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी आधारशिला रखी थी, लेकिन उद्घाटन से पहले हुए ट्रायल में ही यह परियोजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती नजर आई. 

Also read: उद्घाटन से पहले ही बिहार में गिरी रोहतास रोपवे, जाने कितने करोड़ पूरी हुई थी यह परियोजना

मंदिर तक हैं 84 सीढ़ियां 

चौरासन मंदिर एक प्राचीन शिव मंदिर है. श्रद्धालु 84 सीढ़ियां चढ़कर मंदिर तक पहुंचते हैं. ऐसा माना जाता है कि राजा हरिश्चंद्र ने यज्ञ करने के बाद इस मंदिर का निर्माण करवाया था. यह मंदिर रोहितेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है. मंदिर तक जाने वाली 84 सीढ़ियों के कारण इसका नाम “चौरासन” पड़ा है और इसे स्थानीय भाषा में ‘चौरासन सिद्धि’ कहा जाता है. 

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