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Shani Dev को क्यों अर्पित करते हैं सरसों का तेल, जानिए धार्मिक कारण

26/04/2025
Shani Dev को क्यों अर्पित करते हैं सरसों का तेल, जानिए धार्मिक कारण
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Shani Dev: सरसों के तेल चढ़ाने की परंपरा की शुरुआत हुई. शनिदेव का रंग काला माना जाता है, और चूंकि सरसों का तेल भी काले रंग का होता है, इसलिए शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित किया जाता है.

Shani Dev: ज्योतिष शास्त्र में शनि को सबसे कठोर ग्रह माना जाता है. कहा जाता है कि यदि शनि की नकारात्मक दृष्टि किसी व्यक्ति पर पड़ जाए, तो उसका सम्पूर्ण जीवन दुखों से भर जाता है. शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या किसी भी व्यक्ति के जीवन को नष्ट कर सकती है. इसलिए, शनि देव को प्रसन्न करने के लिए लोग विभिन्न उपाय करते हैं. कुछ लोग शनिवार को उन्हें सरसों का तेल अर्पित करते हैं, जबकि अन्य दीपक जलाते हैं. आइए, आज हम आपको शनि की नकारात्मक दृष्टि का रहस्य और तेल अर्पित करने या दीपक जलाने के महत्व के बारे में बताते हैं.

जानें पौराणिक कहानी

धार्मिक कथाओं के अनुसार, एक बार शनिदेव को अपनी शक्तियों पर गर्व हो गया था और उन्हें यह विश्वास हो गया था कि पूरे ब्रह्मांड में उनसे अधिक शक्तिशाली कोई नहीं है. उसी समय हनुमानजी की प्रसिद्धि भी तेजी से बढ़ रही थी. बजरंगबली के चमत्कारों को देखकर सभी लोग आश्चर्यचकित थे और उनकी वीरता की कहानियां गा रहे थे. यह सब देखकर शनिदेव को बहुत क्रोध आया और उन्हें लगा कि उनसे अधिक शक्तिशाली और कौन हो सकता है.

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शनिदेव ने हनुमानजी को आमने-सामने की लड़ाई के लिए चुनौती दी और इस राम भक्त के पास युद्ध के लिए आए. जब शनिदेव ने हनुमानजी को ललकारा, उस समय वह अपने प्रभु श्रीराम की भक्ति में मग्न थे. उन्होंने शनिदेव को युद्ध न करने के लिए कई बार समझाया. लेकिन शनिदेव के न मानने पर दोनों के बीच भयंकर युद्ध हुआ. इस युद्ध में जब शनिदेव गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें अत्यधिक पीड़ा होने लगी, तो हनुमानजी ने युद्ध को रोककर उनके घाव पर सरसों का तेल लगाना प्रारंभ किया. इससे उन्हें राहत मिलने लगी और धीरे-धीरे शनिदेव का समस्त दर्द समाप्त हो गया. तब से सरसों का तेल शनिदेव की प्रिय वस्तुओं में से एक बन गया. शनिदेव ने कहा कि जो भी भक्त सच्चे मन से शनिदेव को तेल अर्पित करेगा, उसके जीवन से सभी कष्ट और संकट दूर होंगे. इस युद्ध के बाद से शनिदेव और हनुमानजी के बीच मित्रता स्थापित हो गई. इसलिए जो भी भक्त हनुमानजी की पूजा करते हैं, शनि उन्हें सभी कष्टों से मुक्त रखते हैं.

शनिवार को दीपक जलाने का महत्व

शनिवार को दीपक जलाने का कारण यह है कि शनि अंधकार के प्रतीक माने जाते हैं और सूर्यास्त के बाद उनकी शक्ति बढ़ जाती है. जब शनि खराब होते हैं, तो जीवन में अंधकार छा जाता है. ज्योतिष के अनुसार, शनिवार की शाम को दीपक जलाने से जीवन का अंधकार समाप्त होता है. इसलिए लोग शनि देव की पूजा में सरसों के तेल का दीपक अर्पित करते हैं, जिसे विशेष रूप से शनिवार की शाम को जलाना चाहिए.

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Shaurya Punj

लेखक के बारे में

Shaurya Punj

Contributor

रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज से मास कम्युनिकेशन में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद मैंने डिजिटल मीडिया में 14 वर्षों से अधिक समय तक काम करने का अनुभव हासिल किया है. धर्म और ज्योतिष मेरे प्रमुख विषय रहे हैं, जिन पर लेखन मेरी विशेषता है. हस्तरेखा शास्त्र, राशियों के स्वभाव और गुणों से जुड़ी सामग्री तैयार करने में मेरी सक्रिय भागीदारी रही है. इसके अतिरिक्त, एंटरटेनमेंट, लाइफस्टाइल और शिक्षा जैसे विषयों पर भी मैंने गहराई से काम किया है. 📩 संपर्क : [email protected] और पढ़ें

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