Vastu Tips for Kitchen: वास्तु शास्त्र में रसोईघर को केवल खाना बनाने की जगह नहीं, बल्कि घर की ऊर्जा और समृद्धि का केंद्र माना गया है. यहां जलने वाली अग्नि से पूरे परिवार के स्वास्थ्य, मानसिक स्थिति और आर्थिक स्थिति पर असर पड़ता है. ऐसे में किचन में रखी हर वस्तु का वास्तु के अनुसार होना जरूरी माना जाता है. ज्योतिषाचार्य डॉ एन के बेरा के अनुसार तीन बर्नर वाला गैस चूल्हा कई बार घर में नकारात्मक प्रभाव बढ़ा सकता है.
अग्नि तत्व में असंतुलन का संकेत
वास्तु शास्त्र में अग्नि तत्व को शक्ति, स्थिरता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना गया है. तीन बर्नर वाला चूल्हा इस अग्नि तत्व में असंतुलन पैदा कर सकता है. मान्यता है कि इससे घर में तनाव का माहौल बनता है, बात-बात पर विवाद होते हैं और परिवार के सदस्यों के बीच सामंजस्य कम होने लगता है. पति-पत्नी के रिश्तों में खटास और कार्यों में बार-बार रुकावट भी इसी असंतुलन का संकेत मानी जाती है.
स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति पर प्रभाव
अक्सर देखा गया है कि तीन बर्नर वाले चूल्हे में बीच वाला बर्नर ही सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है, जबकि बाकी दो कम उपयोग में आते हैं. इससे ऊर्जा का प्रवाह असमान हो जाता है. वास्तु के अनुसार इसका असर परिवार के स्वास्थ्य पर पड़ सकता है. पाचन संबंधी समस्याएं, थकान, चिड़चिड़ापन और मानसिक बेचैनी इसके सामान्य संकेत माने जाते हैं. साथ ही धन का सही उपयोग न होना और अचानक खर्च बढ़ना भी देखने को मिलता है.
घर में है तीन बर्नर वाला चूल्हा तो क्या करें
अगर आपके घर में पहले से तीन बर्नर वाला गैस चूल्हा है, तो घबराने की जरूरत नहीं है. वास्तु दोष को कुछ सरल उपायों से काफी हद तक कम किया जा सकता है. कोशिश करें कि तीनों बर्नर का उपयोग बराबर किया जाए और किसी एक बर्नर को लंबे समय तक बंद न रखें.
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इन उपायों से बनी रहेगी सुख-शांति
चूल्हे को हमेशा रसोई के दक्षिण-पूर्व दिशा (अग्नि कोण) में रखें. रोज खाना बनाते समय दीपक या अगरबत्ती जलाना शुभ माना जाता है. भविष्य में नया चूल्हा खरीदते समय दो या चार बर्नर वाला गैस चूल्हा अधिक शुभ माना जाता है. इन उपायों से घर में सकारात्मक ऊर्जा, स्वास्थ्य और आर्थिक संतुलन बना रहता है.





