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अश्विन ने आगे बताया कि लगातार टूर पर रहना और विदेशी दौरों पर बार-बार बेंच पर बैठे रहना उन्हें धीरे-धीरे थकाने लगा. उन्होंने कहा, “टूर पर जाना और बार-बार बाहर बैठना मुझे परेशान करने लगा था.” लेकिन उन्होंने साफ किया कि उनके फैसले की असली वजह परिवार था. “यह टीम के लिए योगदान न करने की बात नहीं थी, बल्कि यह सोचने की थी कि क्या मुझे बच्चों के साथ घर पर समय बिताना चाहिए. वे बड़े हो रहे हैं और मैं असल में क्या कर रहा हूं?”

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अश्विन ने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों से ही मन बना लिया था कि 34-35 की उम्र तक संन्यास ले लेंगे. उन्होंने कहा कि भले ही अंतरराष्ट्रीय करियर खत्म हो गया है, लेकिन वे घरेलू क्रिकेट खेलने के लिए तैयार हैं क्योंकि यह उन्हें लचीलापन और संतुलन देता है.

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बेंच पर बैठे-बैठे..., अश्विन ने आखिरकार तोड़ी चुप्पी, ऑस्ट्रेलिया में बीच सीरीज में संन्यास का खोला राज

Prabhat Khabar
22 Aug, 2025
बेंच पर बैठे-बैठे..., अश्विन ने आखिरकार तोड़ी चुप्पी, ऑस्ट्रेलिया में बीच सीरीज में संन्यास का खोला राज

R Ashwin breaks silence on reasons behind Retirement: रविचंद्रन अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर सीरीज 2024-25 के दूसरे मैच के बाद अचानक ही रिटायरमेंट की घोषणा कर दी थी. उस समय उनके इस निर्णय से सभी क्रिकेट विशेषज्ञ और फैंस हैरान रह गए. हालांकि अब अश्विन ने इस राज से पर्दा उठाया है और असली कारणों को साझा किया है .

R Ashwin breaks silence on reasons behind Retirement: रविचंद्रन अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कुट्टी स्टोरीज के ताजा एपिसोड में दिसंबर 2024 में अपने चौंकाने वाले संन्यास की घोषणा के पीछे की भावनाओं और वजहों का खुलासा किया. 38 वर्षीय अश्विन भारत के दूसरे सबसे सफल टेस्ट गेंदबाज रहे. उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 106 मैचों में 537 विकेट लिए. उन्होंने 116 वनडे और 65 टी20 मैचों में क्रमशः 156 और 72 विकेट चटकाए. अश्विन भारत की ऑस्ट्रेलिया के 2024-25 दौरे के सदस्य थे, लेकिन दूसरे मैच के बाद ही उन्होंने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बीच गाबा में ही अचानक संन्यास ले लिया था. इस फैसले ने फैन्स और क्रिकेट विशेषज्ञों को हैरान कर दिया था.

पूर्व साथी खिलाड़ी और भारत के हेड कोच राहुल द्रविड़ से बातचीत में अश्विन ने माना कि उनके संन्यास का समय पेशेवर से ज्यादा व्यक्तिगत था. उन्होंने मजाक में कहा, “मुझे लगता है कि वो बस सही समय था और मैं अपनी जिंदगी के उस मोड़ पर पहुंच चुका था. मैं काफी बूढ़ा हो चुका था, यह मानना होगा.”

अश्विन ने आगे बताया कि लगातार टूर पर रहना और विदेशी दौरों पर बार-बार बेंच पर बैठे रहना उन्हें धीरे-धीरे थकाने लगा. उन्होंने कहा, “टूर पर जाना और बार-बार बाहर बैठना मुझे परेशान करने लगा था.” लेकिन उन्होंने साफ किया कि उनके फैसले की असली वजह परिवार था. “यह टीम के लिए योगदान न करने की बात नहीं थी, बल्कि यह सोचने की थी कि क्या मुझे बच्चों के साथ घर पर समय बिताना चाहिए. वे बड़े हो रहे हैं और मैं असल में क्या कर रहा हूं?”

अश्विन ने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों से ही मन बना लिया था कि 34-35 की उम्र तक संन्यास ले लेंगे. उन्होंने कहा कि भले ही अंतरराष्ट्रीय करियर खत्म हो गया है, लेकिन वे घरेलू क्रिकेट खेलने के लिए तैयार हैं क्योंकि यह उन्हें लचीलापन और संतुलन देता है.

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