Vaibhav Suryavanshi Meets PM Modi: भारतीय क्रिकेट में साल 2025 की शुरुआत एक ऐसे नाम से हुई जिसने पूरे देश का ध्यान खींच लिया. बिहार के मोतिहारी से आने वाले वैभव सूर्यवंशी (Vaibhav Suryavanshi) ने बहुत कम उम्र में वह मुकाम हासिल कर लिया है, जिसका सपना बड़े बड़े खिलाड़ी देखते हैं. अभी 15 साल की उम्र भी पूरी नहीं हुई है, लेकिन वैभव को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. यह सम्मान 5 से 18 साल के बच्चों को उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए दिया जाता है. वैभव इस पुरस्कार को पाने वाले पहले क्रिकेटर बने हैं, जिसने उनकी पहचान को और खास बना दिया है.
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से मिली नई पहचान
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार मिलना किसी भी बच्चे के लिए बहुत बड़ी बात होती है. वैभव सूर्यवंशी के लिए यह सम्मान उनके संघर्ष और मेहनत की पहचान है. जब उनका नाम शतरंज के अंतर्राष्ट्रीय सितारे आर प्रज्ञानानंद और आर वैशाली के साथ लिया गया, तब साफ हो गया कि वैभव ने खेल जगत में अपनी अलग जगह बना ली है. राष्ट्रपति द्वारा दिया गया यह पुरस्कार यह बताता है कि देश को वैभव से बड़ी उम्मीदें हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से उनकी मुलाकात भी इस बात का संकेत है कि वैभव अब सिर्फ एक उभरता खिलाड़ी नहीं, बल्कि देश का गौरव बन चुके हैं.
गूगल पर सबसे ज्यादा खोजा गया नाम
साल 2025 में एक चौंकाने वाली बात सामने आई. विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गजों के रहते गूगल पर सबसे ज्यादा खोजा गया नाम वैभव सूर्यवंशी रहा. लोग यह जानना चाहते थे कि आखिर कौन है यह बाएं हाथ का बल्लेबाज, जिसने इतनी कम उम्र में तहलका मचा दिया. इस लोकप्रियता के पीछे सिर्फ चर्चा नहीं, बल्कि मैदान पर किया गया उनका शानदार प्रदर्शन रहा. वैभव ने अपने खेल से यह साबित किया कि नाम बड़ा होने के लिए उम्र नहीं, हुनर जरूरी होता है.
विजय हजारे ट्रॉफी की ऐतिहासिक पारी
वैभव सूर्यवंशी की सबसे बड़ी पहचान उनकी विजय हजारे ट्रॉफी में खेली गई तूफानी पारी बनी. अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ उन्होंने सिर्फ 84 गेंदों में 190 रन ठोक दिए. इस पारी में 16 चौके और 15 छक्के शामिल थे. इस धमाकेदार प्रदर्शन के साथ ही उन्होंने पाकिस्तान के जहूर इलाही का 39 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया. वैभव लिस्ट ए क्रिकेट में शतक लगाने वाले दुनिया के सबसे युवा खिलाड़ी बन गए. इस पारी ने उन्हें रातोंरात क्रिकेट जगत का जाना पहचाना नाम बना दिया.
कम उम्र में बड़े रिकॉर्ड
रिकॉर्ड्स का वैभव सूर्यवंशी से पुराना रिश्ता रहा है. 12 साल की उम्र में रणजी ट्रॉफी में डेब्यू कर वे भारत के सबसे युवा प्रथम श्रेणी क्रिकेटर बने. ऑस्ट्रेलिया अंडर 19 टीम के खिलाफ 58 गेंदों में शतक जड़कर उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी अपनी ताकत दिखाई. लगातार दो अंडर 19 एशिया कप में वे भारतीय टीम के अहम खिलाड़ी रहे. यूएई के खिलाफ 32 गेंदों में शतक लगाकर उन्होंने यह दिखा दिया कि वे हर स्तर पर मैच विनर बन सकते हैं. आज वैभव सूर्यवंशी को भारतीय क्रिकेट का भविष्य माना जा रहा है और वे लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुके हैं, जो यह सीख देते हैं कि अगर काबिलियत हो तो उम्र सिर्फ एक संख्या रह जाती है.
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