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Bihar Bhumi: बिहार में फ्लैट खरीदारों के लिए बड़ी खबर, अपार्टमेंट की जमीन का अब नहीं होगा अलग-अलग दाखिल-खारिज, जानें नया नियम!

Bihar Bhumi: बिहार में फ्लैट खरीदारों के लिए बड़ी खबर, अपार्टमेंट की जमीन का अब नहीं होगा अलग-अलग दाखिल-खारिज, जानें नया नियम!
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Bihar Bhumi:फ्लैट खरीद लिया, रजिस्ट्री हो गई, लेकिन जमीन की जमाबंदी अटकी हुई है. बिहार के हजारों अपार्टमेंट खरीदारों की यही सबसे बड़ी परेशानी रही है. अब राजस्व विभाग की नई नियमावली इस उलझन को हमेशा के लिए खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है.

Bihar Bhumi: बिहार में अपार्टमेंट के नए फ्लैट खरीदने वाले लोगों के लिए राहत की खबर है. लंबे समय से नए फ्लैटों की जमाबंदी पर लगी अनौपचारिक रोक जल्द हट सकती है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एक नई नियमावली तैयार की है, जिसके तहत किसी भी अपार्टमेंट के सभी फ्लैट की जमाबंदी अब एक साथ की जाएगी.

इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए बीते तीन महीनों से मंत्री की स्वीकृति का इंतजार किया जा रहा है. स्वीकृति मिलते ही एक साल से अटकी दाखिल-खारिज की प्रक्रिया दोबारा शुरू हो सकेगी.

क्यों अटक गई थी फ्लैटों की जमाबंदी

पिछले करीब एक साल से राज्य के कई अंचल कार्यालयों ने नए अपार्टमेंट फ्लैटों की जमाबंदी पर रोक लगा दी थी. फ्लैट खरीदार लगातार कार्यालयों के चक्कर काट रहे थे, लेकिन जवाब मिलता था कि नई नियमावली आने तक इंतजार करें.

विभाग को यह सूचना मिल रही थी कि अपार्टमेंट निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन का दाखिल-खारिज कई जगह सीधे फ्लैटधारियों के नाम कर दिया गया, जबकि ऐसा कोई स्पष्ट प्रावधान कानून या सॉफ्टवेयर में मौजूद नहीं है.

नई नियमावली में क्या बदलेगा सिस्टम

राजस्व विभाग का मानना है कि अपार्टमेंट के रजिस्ट्रेशन में फ्लैट के साथ जमीन का अनुपातिक हिस्सा भी दर्ज होता है. ऐसे में अलग-अलग फ्लैटधारियों के नाम दाखिल-खारिज करने से भविष्य में कानूनी और प्रशासनिक जटिलताएं पैदा हो सकती हैं.

इसी वजह से नई नियमावली में यह तय किया गया है कि किसी एक भूखंड पर बने अपार्टमेंट की जमीन की जमाबंदी बिल्डर, जमीन मालिक या रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के नाम पर होगी. इसमें प्रत्येक फ्लैटधारी को मिलने वाले जमीन के हिस्से का स्पष्ट उल्लेख रहेगा.

फ्लैट की बिक्री पर भी साफ नियम

नई व्यवस्था के अनुसार, अगर कोई फ्लैटधारी अपने फ्लैट को बेचता है तो नए मालिक को उसी जमाबंदी में शामिल कर लिया जाएगा. वहीं, अगर अपार्टमेंट के सभी फ्लैट नहीं बिकते हैं, तो बचे हुए हिस्से की जमीन बिल्डर या सोसाइटी के नाम पर ही दर्ज रहेगी. विभाग का दावा है कि इस मॉडल से फ्लैट मालिकों के हित सुरक्षित रहेंगे और विवाद की गुंजाइश कम होगी.

पुराने अपार्टमेंट को भी मिलेगा विकल्प

हालांकि नई नियमावली मुख्य रूप से नए अपार्टमेंट पर लागू होगी, लेकिन पुराने अपार्टमेंट के फ्लैट मालिक भी चाहें तो अपनी जमाबंदी में बदलाव करा सकेंगे. बिल्डर एसोसिएशन और रेरा के साथ विमर्श के बाद ही इस नियमावली का मसौदा तैयार किया गया है.

शहरी क्षेत्रों में वंशावली पर भी बड़ा फैसला

इसी बीच राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने शहरी नागरिकों को एक और बड़ी राहत दी है. नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत क्षेत्रों में अब वंशावली जारी करने का अधिकार अंचलाधिकारी को दे दिया गया है. उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के मुताबिक इससे शहरी लोगों को समयबद्ध और पारदर्शी सेवा मिलेगी और वर्षों से चली आ रही असमंजस की स्थिति खत्म होगी.

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Pratyush Prashant

लेखक के बारे में

Pratyush Prashant

Contributor

कंटेंट एडिटर और तीन बार लाड़ली मीडिया अवॉर्ड विजेता. जेंडर और मीडिया विषय में पीएच.डी. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल की बिहार टीम में कार्यरत. डेवलपमेंट, ओरिजनल और राजनीतिक खबरों पर लेखन में विशेष रुचि. सामाजिक सरोकारों, मीडिया विमर्श और समकालीन राजनीति पर पैनी नजर. किताबें पढ़ना और वायलीन बजाना पसंद. और पढ़ें

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