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Bihar Bhumi: बिहार में रैयतों को बड़ी राहत, इस तारीख से ऑनलाइन मिलेंगी जमीन दस्तावेज की नकल

25/12/2025
Bihar Bhumi: बिहार में रैयतों को बड़ी राहत, इस तारीख से ऑनलाइन मिलेंगी जमीन दस्तावेज की नकल
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Bihar Bhumi: अब लोगों को सत्यापित नकल के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. डिजिटल हस्ताक्षरित प्रतियां पूरी तरह वैधानिक हैं और कहीं भी मान्य होंगी.

Bihar Bhumi: पटना. एक जनवरी 2026 से भू-अभिलेख पोर्टल से ऑनलाइन माध्यम से राजस्व अभिलेखों (जमीन के कागजात) नकल ली जा सकेगी. यह नकल राजस्व अभिलेखों की डिजिटल हस्ताक्षरित प्रति होगी, जो सत्यापित प्रतिलिपि के रूप में कानूनी रूप से मान्य है. इसके साथ ही राजस्व अभिलेखों की नकल निकालने वाली पहले की प्रक्रिया समाप्त हो जायेगी, जिसके तहत लंबी-चौड़ी प्रक्रिया होने से से लोगों को परेशानी होती थी. इस संबंध में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त, सभी समाहर्ता, सभी प्रभारी पदाधिकारी, जिला अभिलेखागार सहित सभी अंचलाधिकारियों को निर्देश जारी किया है.

भू-अभिलेख पोर्टल पर मिलेगी सुविधा

सचिव ने स्पष्ट किया है कि राज्य के राजस्व पर्षद की तरफ से 20 जून 2024 को अधिसूचना जारी की गयी थी. इसके तहत ऑनलाइन विधि से जारी करने वाले सभी अभिलेखों की प्रतियों पर सक्षम पदाधिकारी द्वारा डिजिटली हस्ताक्षर करने के बाद उसे प्रमाणित प्रतिलिपि मानी जायेगी. इसके अतिरिक्त भू-अभिलेख पोर्टल में यह व्यवस्था भी की गयी है कि यदि कोई बाधित राजस्व अभिलेख ऑनलाइन उपलब्ध नहीं है, तो आवेदक ऑनलाइन ही उसकी मांग भेज सकते हैं. उनकी मांग और उपलब्धता के आधार पर उस अभिलेख की डिजिटल हस्ताक्षरित प्रति उन्हें भू-अभिलेख पोर्टल के माध्यम से ही दी जायेगी.

डिजिटल हस्ताक्षरित प्रतियां पूरी तरह वैधानिक

इस संबंध में उपमुख्यमंत्री सह राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का यह निर्णय आम नागरिकों की सुविधा, कार्य में पारदर्शिता और सुशासन की दिशा में एक निर्णायक कदम है. अब लोगों को सत्यापित नकल के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. डिजिटल हस्ताक्षरित प्रतियां पूरी तरह वैधानिक हैं और कहीं भी मान्य होंगी. ये लोगों को आसानी से घर बैठे उपलब्ध होंगी. हमारा लक्ष्य है कि राजस्व सेवाएं सरल, पारदर्शी और भ्रष्टाचार-मुक्त हों. डिजिटल बिहार की दिशा में भी यह एक महत्वपूर्ण कदम है. आम नागरिकों को इसके लिए अब कहीं भागदौड़ करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

क्यों हुआ व्यवस्था में परिवर्तन

अब तक राजस्व अभिलेखों की सत्यापित प्रति (नकल) प्राप्त करने के लिए नागरिकों को कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे. चिरकुट आवेदन, स्टाम्प शुल्क, पंजी में प्रविष्टि, आदेश प्राप्ति और अंततः नकल निर्गत होने तक सात से 14 दिनों का समय लग जाता था. यह प्रक्रिया विशेष रूप से ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों के नागरिकों के लिए श्रमसाध्य, खर्चीली और कष्टकारी थी.

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Ashish Jha

लेखक के बारे में

Ashish Jha

Contributor

डिजिटल पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश. वर्तमान में पटना में कार्यरत. बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को टटोलने के लिए प्रयासरत. देश-विदेश की घटनाओं और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स को सीखने की चाहत. और पढ़ें

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