जहानाबाद सदर/अरवल
. देशव्यापी, वामपंथियों व मनरेगा से जुड़े व ग्रामीण मजदूरों के आह्वान पर जिला मुख्यालय में विरोध मार्च निकाला गया, यह मार्च दो केंद्रों शहर के दक्षिणी छोर आंबेडकर चौक तथा उत्तरी छोर ऊंटा स्टेशन के समीप से शहर के मुख्य मार्ग से निकाला गया. मार्च का नेतृत्व भाकपा माले के जिला सचिव रामाधार सिंह, सीपीएम के जिला सचिव जगदीश प्रसाद, सीपीआइ के जिला सचिव सुरेश प्रसाद, इंदु कुमारी के साथ-साथ सीपीआइ एम के नेता दिनेश सिंह, अंबिका प्रसाद, एसयूसीआइ (कम्युनिस्ट) के नेता उमाशंकर विद्यार्थी, अखिल भारतीय खेत ग्रामीण मजदूर सभा के नेता व जिला सचिव प्रदीप कुमार, मनरेगा मजदूर सभा के जिला सचिव ललन किशोर आजाद आदि कर रहे थे. रैली में विभिन्न नारे लगाये जा रहे थे. रैली शहर के मध्य अरवल मोड़ पर पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया. सभा की अध्यक्षता प्रदीप कुमार एवं दिनेश प्रसाद ने संयुक्त रूप से किया. देश भर के किसान आंदोलन खड़ा कर पारित अध्यादेश (कानून) को 13 महीने के संघर्ष के बाद वापस कराया था. ठीक इसी प्रकार देश भर के कल-कारखाने, खाद्यान्न व खेतों अन्य क्षेत्रों में संगठित-असंगठित मजदूर के खिलाफ 44 कोड कानून को निरस्त किया. आज पूरे देश भर में रोटी सुरक्षा व आवास की प्रमुख मांग है. नेताओं ने सरकार को चेतावनी दिया कि अगर विकसित भारत जी राम जी कानून को वापस नहीं लिया गया तो पुनः 5 व 6 जनवरी को तमाम ब्लॉक, मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जायेगा.वहीं अरवल में खेत मजदूर ग्रामीण सभा द्वारा गरीब-विरोधी कानून का विरोध किया गया और प्रतिरोध मार्च निकाला गया, जिसका नेतृत्व भाकपा-माले जिला सचिव जितेंद्र यादव, राज्य कमेटी सदस्य सह पूर्व विधायक महानंद सिंह ने किया. इस अवसर पर सीपीआइ नेता दीनानाथ सिंह, खेत मजदूर ग्रामीण सभा के नेता उपेंद्र पासवान, खेत मजदूर ग्रामीण सभा के नेता सुरेन्द्र प्रसाद आदि थे.
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