सुजीत पाठक/मोतीहारी/बिहार: शहर के आजाद नगर मोहल्ला से लापता हुए एक बच्चे का सोशल मीडिया पर तस्वीर देख बदमाशों ने उसके परिजनों से फिरौती में 50 हजार रूपये वसूल लिया. परिजनों ने अपने गुमशुदा बच्चे की तस्वीर सोशल मीडिया पर डाली थी. अपने घर का दो मोबाइल नम्बर के साथ एक संदेश भी डाला था, जिसमें लिखा था कि अगर यह बच्चा कही दिखे तो उक्त नम्बर पर सूचना दे. इसका फायदा बदमाशों ने उठाया.
सोशल मीडिया तस्वीर लेकर किया एडिट
बदमाशों ने सोशल मीडिया से बच्चे की तस्वीर लेकर उसे एडिट किया, उसके गर्दन पर चाकू रखा तस्वीर बना परिजनों के पास व्हाट्सएप पर भेजा. उनसे कहा कि बच्चा हमलोगों के पास है.उनके बच्चे की हुबहु आवाज में बात भी करायी, उसके बाद कहा कि एक लाख की फिरौती दो,वरना तुम्हारे बच्चे को मार देंगे.
परिजनों से लिए 50 हजार रुपए
घबराये परिजनों ने बदमाशों की बात पर यकीन कर लिया. उनके बताये गये यूपीआई नम्बर पर तत्काल 50 हजार रूपये भी डाल दिया.उसके अगले ही दिन एक दुसरे मोबाइल नम्बर से परिजनों के पास फोन आया. फोन करने वाले ने कहा कि अपका बच्चा हमारे पास सुरक्षित है, आकर ले जाये. परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद पुलिस ने मुजफ्फरपुर पहुंच बच्चे को सकुशल बरामद कर परिजनों को सौंप दिया. बच्चा को रोते-बिलखते देख एक ठेला वाले ने अपने पास रखा था.
पुलिस ने बताया पूरा मामला ?
सदर डीएसपी दिलीप कुमार ने मंगलवार को प्रेसवार्ता में इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ढाका चंदनबाड़ा के मूल निवासी वह शहर के आजाद नगर मानसपुरी में रहने वाले परवेज आलम का भतीजा आरिफ आलम (13) शनिवार शाम घर से आधा किमी दूर खेलने गया. उसके बाद वापस नहीं लौटा.परिजनों ने गुमशुदगी या किसी अनहोनी की आशंका जताते हुए नगर थाने में आवेदन दिया. आरिफ की खोजबीन के लिए परिजनों ने ई-रिक्सा पर शहर में माइकिंग भी करायी.
उसकी तस्वीर के साथ अपना मोबाइल नम्बर भी सोशल मीडिया पर डाला था. पहले तो उनके एक पड़ोसी ने फोन कर कहा कि आरिफ मेरे पास है.उसके बाद आरिफ की मां व उसके चाचा के मोबाइल पर अंजान नम्बरों से प्लेन व व्हाट्सएप कॉल कर बदमाश फिरौती की मांग करने लगे थे. छापेमारी में सदर डीएसपी वन दिलीप कुमार, नगर थाना के अपर थानाध्यक्ष चंदन कुमार, दारोगा सतीश कुमार के अलावा सशस्त्र बल शामिल थे.
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आरिफ के पिता कतर में मजदूरी करते है. बदमाशों ने जिस अकाउंट में फिरौती का 50 हजार रूपया डलवाया है, वह अकाउंट हैदराबाद के किसी व्यक्ति का है. सदर डीएसपी ने बताया कि अकाउंट होल्डर की पहचान की जा रही है. इसके लिए हैदराबाद पुलिस से भी सम्पर्क किया जा रहा है. यह साइबर फ्रॉडों की करतूस लग रही है. डिजीटल ऑरेस्ट कर परिजनों से 50 हजार रूपये की ठगी की है.





