गालूडीह.
विलुप्त होती आदिम जनजाति के सबर-बिरहोर के उत्थान के लिए पूर्व मंत्री रामदास सोरेन की पहल अब जमीन पर उतरने लगी है. घाटशिला विस क्षेत्र के सबर-बिरहोर बहुल 11 गांवों में 60-60 लाख रुपये से बहुद्देशीय भवन का काम शुरू हो गया है. दरअसल, मंत्री रहते रामदास सोरेन ने आठ जून, 2025 को बाघुड़िया के गुड़ाझोर मैदान में जिला स्तर पर सबर-बिरहोरों का समागम कार्यक्रम किया था. उन्होंने घोषणा की थी जल्द घाटशिला विस के 11 सबर-बिरहोर गांवों में मल्टीपर्पज कॉम्प्लेक्स सेंटर (एमपीसी) भवन बनेगा. उक्त भवन में आदिम जनजाति के सामाजिक, सांस्कृतिक, खेल और कौशल विकास कार्यों के लिए उपयोग में लाये जायेंगे. यहां नशा छोड़ने, जंगल-पहाड़ से बाहर निकलने, समाज के मुख्यधारा से जुड़ने और बेहतर शिक्षा देने पर काम होगा. इससे सबर-बिरहोरों की जिंदगी संवरेंगी. इस योजना में केंद्र सरकार की सहभागिता है. पीएम जनमन योजना से काम हो रहा है.ये सुविधाएं मिलेंगी
11 गांवों में एमपीसी निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है. इसके माध्यम से हेल्थ, न्यूट्रीशन, स्किल डेवलपमेंट, वोकेशनल एजुकेशन, वित्तीय साक्षरता, कम्युनिटी एंड कल्चर वेलफेयर पर फोकस करते हुए समुदाय को सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी.आंगनबाड़ी व स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी
मल्टी पर्पज सेंटर से आंगनबाड़ी व स्वास्थ्य केंद्र की सेवा मिलेगी. इसके लिए पृथक-पृथक कक्ष बनाये जायेंगे. एमपीसी में बैंकिंग करस्पॉन्डन्ट अर्थात कियोस्क संचालक भी बैठेंगे. एमपीसी में प्रशिक्षण देने के लिए क्लासरूम भी रहेगा. इसके साथ कल्चर एवं कम्युनिटी प्रोग्राम के लिए हॉल का निर्माण होगा. एमपीसी संचालन ऑफिस बनेगा.
इन गांवों में बन रहा भवन
घुटिया, दीघा, बासाडेरा, रामचंद्रपुर, दारीसाई, गुड़ाझोर, चेंगजोड़ा, हलुदबनी, सोहदा, लाउकेशरा और पाथरगोड़ा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है





