अपने पसंदीदा शहर चुनें

Sahitya Akademi Award 2024: संताली के लिए महेश्वर सोरेन और ओड़िया निबंध के लिए बैष्णव चरण सामल को साहित्य अकादमी पुरस्कार

Prabhat Khabar
18 Dec, 2024
Sahitya Akademi Award 2024: संताली के लिए महेश्वर सोरेन और ओड़िया निबंध के लिए बैष्णव चरण सामल को साहित्य अकादमी पुरस्कार

Sahitya Akademi Award 2024: ओडिशा के कटक जिले के दो साहित्यकार आठ मार्च 2025 को साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित होंगे. महेश्वर सोरेन को संताली नाटक 'सेचड सावंता रेन अंडा मनमी' और प्रोफेसर बैष्णव चरण सामल को ओड़िया निबंध 'भूति भक्ति बिभूति' के लिए अवार्ड मिलेगा.

Sahitya Akademi Award 2024: जमशेदपुर-साहित्य अकादमी ने कटक (ओडिशा) के दो प्रसिद्ध साहित्यकारों को वर्ष 2024 का प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी पुरस्कार देने की घोषणा की है. मयूरभंज जिले के उदड़ा प्रखंड के जामोड़िया गांव निवासी महेश्वर सोरेन (44 वर्ष) को संताली नाटक ‘सेचड सावंता रेन अंडा मनमी’ और कटक जिले के चेरीगांव निवासी प्रोफेसर बैष्णव चरण सामल को ओड़िया निबंध ‘भूति भक्ति बिभूति’ को लिए यह पुरस्कार दिया जायेगा. अकादमी ने बुधवार को हिंदी के लिए प्रतिष्ठित कवयित्री गगन गिल और अंग्रेजी में इस्टरिन किरे समेत अन्य भारतीय भाषाओं के रचनाकारों को पुरस्कार देने की घोषणा की.

फार्मेसी ऑफिसर हैं साहित्यकार महेश्वर सोरेन

महेश्वर सोरेन वर्तमान में कटक (ओडिशा) के जगन्नाथपुर स्वास्थ्य केंद्र में फार्मेसी ऑफिसर के पद पर पदस्थापित हैं. उन्होंने वर्ष 2009 में नौकरी ज्वाइन की थी. ‘सेचड सावंता रेन अंडा मनमी’ के अलावा उनकी पुस्तक सिकारिया (2015) और काराम बिनती (2022) का प्रकाशन हो चुका है. इसके अलावा काराम बिनती, सोहराय बिनती, जोमसिम बिनती पुस्तक जल्द ही प्रकाशित होने वाली है.

संताली फिल्म के निर्माता-निर्देशक भी हैं महेश्वर सोरेन

महेश्वर सोरेन साहित्य लेखन के साथ-साथ संताली फिल्मों के कहानी भी लिखते हैं. उन्हें संताली फिल्म निर्माण में भी गहरी रूचि है. उन्होंने संताली फिल्म दुलाड़ माया (2010) और धोरोम दोरबार (2012) बनायी है. दोनों ही फिल्में काफी चर्चित रही हैं.

नौवीं कक्षा से ही रहा है साहित्य सृजन का शौक

महेश्वर सोरेन ने बताया कि जब वे नौवीं कक्षा में थे, तभी से वे साहित्य सृजन कर रहे हैं. पहले वे नाटक और कहानियां लिखते थे. उसके बाद उन्होंने कविता लिखनी शुरू की. धीरे-धीरे लेखन के प्रति उनकी रूचि बढ़ती गयी तो नाटक और कविता को पुस्तक का रूप देना शुरू किया. समाज के बड़े-बुजुर्गों से उनकी अच्छी बनती थी. समाज में हो रहे नित्य नये बदलाव को लेकर अक्सर उनके साथ चर्चा करते थे. समाज को समृद्ध और विकसित बनाने पर भी चर्चा होती थी. समाज के बड़े-बुजुर्गों ने उन्हें सामाजिक चीजों पर लिखने के लिए प्रेरित किया. नौकरी से समय निकालकर वे संताली ड्रामा, कविता और फिल्मों की पटकथा आदि लिखते हैं.

पत्नी निरूपमा हॉस्पिटल में हैं नर्सिंग ऑफिसर

महेश्वर सोरेन की पत्नी निरूपमा हांसदा सोरेन भी कटक के ही एससीबी हॉस्पिटल में नर्सिंग ऑफिसर हैं. पत्नी को भी संताली भाषा साहित्य से लगाव है. वे भी महेश्वर को साहित्य सृजन के लिए प्रोत्साहित करती हैं. महेश्वर सोरेन ने कहा कि वे साहित्यिक गोष्ठी और लेखकों के सम्मेलन में पत्नी के साथ शामिल होते हैं. उनके पिता दिवंगत लालमोहन सोरेन एक साधारण किसान थे, जबकि माता दिवंगत बाल्ही सोरेन गृहिणी थीं. वे तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं. उनका एक पुत्र जीतलाल सोरेन है, जो तीसरी कक्षा में है.

ओड़िया साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित हैं प्रोफेसर सामल

ओड़िया के प्रसिद्ध साहित्यकार प्रोफेसर बैष्णव चरण सामल को उनके निबंध पुस्तक ‘भूति भक्ति बिभूति’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया जायेगा. ओडिशा सरकार 2009 में उन्हें ओड़िया साहित्य अकादमी पुरस्कार दे चुकी है. निबंध और समीक्षा के क्षेत्र में विख्यात प्रोफेसर बैष्णव चरण सामल उत्कल विश्वविद्यालय और शांति निकेतन केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहे हैं. ओड़िया साहित्य के इतिहास, ओड़िया लघुकथा की विकास यात्रा, ‘ओड़िया गल्प: उन्मेष और उच्चारण’, गणकवि साहित्य समीक्षा, समीक्षा लोक, समीक्षा: स्वर और स्वाक्षर, और बैष्णव चरण सामल की रम्य रचनाओं सहित उनके 120 से अधिक ग्रंथ प्रकाशित हो चुके हैं. उनकी आत्मकथा ‘जणे बणा बाटोईर कहानी’ है. 27 जनवरी 1939 को जन्मे प्रोफेसर बैष्णव चरण सामल को प्रतिष्ठित केंद्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार दिये जाने की घोषणा पर उन्हें शुभकामनाएं देने वालों का तांता लग गया.

भारतीय भाषाओं के रचनाकारों को किया जाता है पुरस्कृत

साहित्य अकादमी पुरस्कार पिछले पांच वर्षों (एक जनवरी 2018 से 31 दिसंबर 2022) के दौरान पहली बार प्रकाशित पुस्तकों के लिए दिये गये हैं. अकादमी हर साल 24 भाषाओं के रचनाकारों को इस पुरस्कार से सम्मानित करती है. विजेता रचनाकारों को आठ मार्च 2025 को आयोजित समारोह में सम्मानित किया जाएगा. एक लाख रुपये, एक उत्कीर्ण ताम्रफलक और शॉल दिया जायेगा.

Also Read: Sahitya Akademi Award 2024: साहित्य अकादमी पुरस्कार 2024 की घोषणा, हिंदी में कवयित्री गगन गिल को मिलेगा अवार्ड

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Download from Google PlayDownload from App Store