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यूरोप का शांत देश हुआ बेबस! बड़ा हमला रोकने में फेल, आर्मी चीफ ने चेताया- रूस के बढ़ते खतरे के बीच तैयार रहना जरूरी

Prabhat Khabar
27 Dec, 2025
यूरोप का शांत देश हुआ बेबस! बड़ा हमला रोकने में फेल, आर्मी चीफ ने चेताया- रूस के बढ़ते खतरे के बीच तैयार रहना जरूरी

Switzerland Military Weakness: स्विट्जरलैंड अपनी सुरक्षा बढ़ाने के लिए मिलिट्री खर्च बढ़ा रहा है. आर्मी चीफ थॉमस सुस्ली के अनुसार, देश बड़े पैमाने पर हमले या दूर से आने वाले खतरों का सामना करने के लिए तैयार नहीं है. देश न्यूट्रल है, लेकिन न्यूट्रैलिटी हथियारों और मॉडर्न इक्विपमेंट के बिना सुरक्षा की गारंटी नहीं देती. रूस से बढ़ते खतरे के बीच स्विट्जरलैंड की मिलिट्री तैयारी में सुधार करना जरूरी है.

Switzerland Military Weakness: स्विट्जरलैंड दुनिया के सबसे शांत देशों में से एक माना जाता है, लेकिन देश की अपनी सुरक्षा क्षमता में अभी भी बड़े अंतर हैं. सेना के प्रमुख थॉमस सुएस्ली ने NZZ अखबार को बताया कि देश नॉन-स्टेट एक्टर्स यानी आतंकवादियों या साइबर हमलों से अपनी महत्वपूर्ण संरचनाओं की रक्षा कर सकता है, लेकिन बड़े हमले या दूर से आने वाले खतरों से खुद को बचाना अभी संभव नहीं है. सुएस्ली ने कहा कि अगर असली संकट आया तो केवल तीन में से एक सैनिक पूरी तरह से तैयार होगा. यह जानकर बहुत बुरा लगता है.

Switzerland Military Weakness in Hindi: सैन्य खर्च और आधुनिक उपकरणों की योजना

स्विट्जरलैंड अब अपनी रक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए खर्च बढ़ा रहा है. देश तोपखाने और ग्राउंड सिस्टम को आधुनिक बना रहा है और पुराने लड़ाकू विमानों की जगह लॉकहीड मार्टिन F-35A जेट्स ला रहा है. लेकिन आलोचक यह सवाल उठा रहे हैं कि इतनी बड़ी राशि क्यों खर्च की जा रही है, जबकि संघीय वित्त सीमित हैं. सुएस्ली ने यह भी कहा कि यूक्रेन युद्ध और रूस के यूरोप में अस्थिरता फैलाने के बावजूद लोगों के नजरिए में बदलाव नहीं आया है.

तटस्थता और वास्तविक सुरक्षा स्विट्जरलैंड का

स्विट्जरलैंड लंबे समय से तटस्थ रहा है और लोगों को लगता है कि यह तटस्थता देश को सुरक्षा देती है. लेकिन सुएस्ली इसे गलत मानते हैं. उन्होंने कहा कि इतिहास में कई तटस्थ देश बिना हथियारों के भी युद्ध में खींचे गए. तटस्थता तभी काम करती है जब उसे हथियारों से बचाया जा सके. देश ने 2032 तक अपने रक्षा खर्च को GDP का लगभग 1% करने का वचन दिया है, जो अभी लगभग 0.7% है. यह NATO देशों के 5% लक्ष्य से बहुत कम है. इस रफ्तार से सैन्य तैयारियाँ 2050 तक पूरी होंगी, जो खतरे के हिसाब से बहुत लंबा समय है.

रूस से बढ़ते खतरे और यूरोप की सतर्कता

हाल के महीनों में रूस से जुड़े ड्रोन पोलैंड और रोमानिया के हवाई क्षेत्र में घुसे, एयरपोर्ट और सैन्य ठिकानों में बाधाएं डालें और वारसॉ-कीव रेलवे लाइन को नुकसान पहुंचाया. इसके जवाब में पोलैंड ने 10,000 सैनिक तैनात किए. रूस ने इन घटनाओं में अपनी संलिप्तता से इंकार किया. सुएस्ली ने कहा कि यूक्रेन को हमारी मदद की जरूरत अब पहले से ज्यादा है. हम सभी चाहते हैं कि रक्तपात रुके, और मैं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रयासों का स्वागत करता हूं. NATO के महासचिव मार्क रूटे ने भी चेतावनी दी कि रूस ने यूरोप में अपने हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया, और यह खतरनाक और लापरवाह कदम हैं. (Switzerland Military Weakness Unable To Defend Full Scale Attack in Hindi)

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