अपने पसंदीदा शहर चुनें

CBTC तकनीक से लैस, मेक इन इंडिया की मिसाल बनी कानपुर मेट्रो

Prabhat Khabar
30 May, 2025
CBTC तकनीक से लैस, मेक इन इंडिया की मिसाल बनी कानपुर मेट्रो

Kanpur News: यह मेट्रो नेटवर्क पूरी तरह से भारत में निर्मित है और इसमें एडवांस कम्युनिकेशन-बेस्ड ट्रेन कंट्रोल (CBTC) सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है, जिससे ट्रेनें स्वचालित रूप से संचालित होती हैं.

Kanpur News: ग्लोबल मोबिलिटी में अग्रणी कंपनी एल्सटॉम ने शुक्रवार को कानपुर मेट्रो कॉरिडोर-1 के विस्तारित हिस्से की रेवेन्यू सेवा की शुरुआत का जश्न मनाया. इस विस्तार में पांच अंडरग्राउंड स्टेशन शामिल हैं, यात्रियों को अब शहर के और अधिक इलाकों तक सुरक्षित, भरोसेमंद और सुविधाजनक परिवहन की सुविधा देंगे. यह मेट्रो नेटवर्क पूरी तरह से भारत में निर्मित है और इसमें एडवांस कम्युनिकेशन-बेस्ड ट्रेन कंट्रोल (CBTC) सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है, जिससे ट्रेनें स्वचालित रूप से संचालित होती हैं. एल्सटॉम भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल को आगे बढ़ाते हुए इस प्रोजेक्ट में अहम भूमिका निभा रहा है.

201 मेट्रो कोच और आधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम तैयार

एल्सटॉम, आगरा-कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत 201 मेट्रो कोच (67 तीन-डिब्बों वाली ट्रेन सेट्स) और एक अत्याधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम बना रहा है. ये ट्रेनें एल्सटॉम की सावली (गुजरात) स्थित फैक्ट्री में बनाई गई हैं. इनका डिजाइन हैदराबाद में और सिग्नलिंग सिस्टम का विकास गुरुग्राम और बैंकॉक में किया गया है.

यह भी पढ़ें- UP में 20 शिक्षकों की सेवा समाप्त, 8 साल पहले हुई थी नियुक्ति

यह भी पढ़ें- आपस में भिड़े अखिलेश यादव के समर्थक, देखें वीडियो

कानपुर में अब तक 40 ट्रेनें सेवा में

सितंबर 2021 में पहली ट्रेन की डिलीवरी के बाद से अब तक 40 मेट्रो ट्रेनें कानपुर में सेवा दे रही हैं. तीन डिब्बों वाली इन ट्रेनों में एक बार में लगभग 960 यात्री यात्रा कर सकते है. एल्सटॉम इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर ओलिवियर लोइज़ॉन ने कहा कि यूपीएमआरसी के साथ हमारी मजबूत साझेदारी ने इस प्रोजेक्ट को साकार किया है. यह विस्तारित सेवा कानपुर में जन परिवहन को आधुनिक और टिकाऊ बनाएगी.

तकनीक और संस्कृति का मेल

कानपुर मेट्रो न केवल तकनीकी रूप से अत्याधुनिक है, बल्कि इसके डिजाइन में उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत की झलक भी मिलती है. वातानुकूलित कोचों में ऑटोमैटिक स्लाइडिंग दरवाजे, आरामदायक बैठने की व्यवस्था, दिव्यांगजनों के लिए अलग स्थान और आधुनिक यात्री सूचना प्रणाली यात्रियों को एक उत्कृष्ट यात्रा अनुभव प्रदान करती है.

इको-फ्रेंडली और हाई-स्पीड रोलिंग स्टॉक

ये ट्रेनें स्टेनलेस स्टील से बनी हैं और 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं. इनमें फ्लेक्स बोगी, माइट्रैक प्रोपल्शन सिस्टम और CBTC तकनीक शामिल है, जिससे ऊर्जा की बचत और परिचालन लागत में कमी होती है. एल्सटॉम इस तकनीक में 30 साल से ज्यादा का अनुभव रखता है और यह 32 देशों में 190 से अधिक मेट्रो लाइनों पर लागू है.

यह भी पढ़ें- मुंबई जाना होगा आसान, यूपी को मिलेगी एक और वंदे भारत ट्रेन

भारत में एल्सटॉम का बढ़ता प्रभाव

एल्सटॉम भारत की एकमात्र मल्टीनेशनल कंपनी है जो सस्टेनेबल मोबिलिटी की पूरी श्रृंखला पेश करती है चाहे वह मास ट्रांजिट हो या हाई-टेक इनोवेशन. छह इंडस्ट्रियल साइट्स और चार इंजीनियरिंग सेंटर के साथ एल्सटॉम न केवल भारतीय, बल्कि कई अंतर्राष्ट्रीय रेल परियोजनाओं में भी योगदान दे रहा है. सरकार की आधुनिक परिवहन नीति के साथ कदम से कदम मिलाते हुए, एल्सटॉम ने भारत में नई तकनीकों, सिग्नलिंग सॉल्यूशन, और विश्वस्तरीय रोलिंग स्टॉक की मजबूत नींव रखी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Download from Google PlayDownload from App Store