नागरिक सेवाओं, पेयजल और निर्माण कार्यों में खामियों को लेकर बढ़ी प्रशासनिक सख्ती पुरुलिया. पुरुलिया जिले के झालदा नगरपालिका क्षेत्र में राजनीतिक और प्रशासनिक हलचल तेज हो गयी है. पुरुलिया नगरपालिका के बाद अब राज्य नगर विकास एवं आवास विभाग ने झालदा नगरपालिका को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. राज्य सरकार ने नगरपालिका बोर्ड से कई गंभीर मुद्दों पर जवाब मांगा है और सात दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया है.
किन मुद्दों पर मांगा गया जवाब
राज्य विभाग की ओर से भेजे गये नोटिस में नागरिक सेवाओं की बदहाली को लेकर कड़े सवाल उठाये गये हैं. नोटिस में नागरिक सेवाओं में विफलता का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि शहर के निवासियों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में बोर्ड असफल रहा है. पेयजल आपूर्ति को लेकर लगातार आ रही समस्याओं और स्वच्छ पेयजल संकट का भी उल्लेख किया गया है. सड़कों के निर्माण में घटिया सामग्री के उपयोग का आरोप लगाया गया है. इसके साथ ही ऑनलाइन म्यूटेशन प्रक्रिया को अब तक सुचारू रूप से लागू न करने और डिजिटलीकरण में देरी पर भी जवाब मांगा गया है. विभाग ने निर्देश दिया है कि नगरपालिका बोर्ड ऑफ काउंसलर्स की बैठक बुलाकर इन सभी बिंदुओं पर विचार किया जाये और सात दिनों के भीतर विस्तृत जवाब जमा किया जाये.
नगरपालिका अध्यक्ष का पक्ष
झालदा नगरपालिका के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने कहा कि राज्य नगर विकास विभाग से पत्र प्राप्त हुआ है. बोर्ड ऑफ काउंसलर्स की बैठक के बाद सभी सवालों का उचित और तथ्यात्मक जवाब समय सीमा के भीतर विभाग को भेजा जायेगा.
विपक्ष का हमला
इस नोटिस को लेकर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस पार्षद विप्लव कयाल ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार अनैतिक तरीके से निर्वाचित बोर्ड को भंग करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा कि जनता द्वारा चुने गये प्रतिनिधियों के अधिकार छीनना गैर-कानूनी और मनमाना कदम है. झालदा नगरपालिका का राजनीतिक समीकरण : झालदा नगरपालिका में कुल 12 सीटें हैं. वर्तमान में तृणमूल कांग्रेस के पास 10 सीटें हैं, जबकि कांग्रेस के पास 2 सीटें हैं. कांग्रेस पार्षद पूर्णिमा कादू के निधन के बाद एक सीट फिलहाल रिक्त है.
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