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RJD: संजय यादव पर फूटा राजद कार्यकर्ताओं का गुस्सा, राबड़ी आवास के बाहर हंगामा

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RJD: संजय यादव पर फूटा राजद कार्यकर्ताओं का गुस्सा,  राबड़ी आवास के बाहर हंगामा

RJD: बिहार चुनाव में राजद की करारी हार के बाद पार्टी के अंदर की नाराजगी खुलकर सामने आ गई है. राबड़ी देवी के घर के बाहर कार्यकर्ताओं ने तेजस्वी यादव के सलाहकार संजय यादव के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. नेताओं ने आरोप लगाया कि उन्होंने टिकट बंटवारे से लेकर चुनाव प्रबंधन तक कई गलतियां की. इस वजह से राजद का चुनाव में यह हश्र हुआ.

RJD: बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी को मिली भारी हार के बाद पार्टी के भीतर नाराजगी खुलकर सामने आ गई है. लालू यादव के समर्थक अब तेजस्वी यादव के सलाहकार और राजद सांसद संजय यादव पर सीधा हमला कर रहे हैं. सोमवार को विधायक दल की बैठक के बाद बड़ी संख्या में कार्यकर्ता राबड़ी देवी के घर के बाहर जुटे और संजय यादव के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की. संजय यादव मुर्दाबाद के नारे लगाये. कई कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पार्टी की शर्मनाक हार और संगठन की कमजोरी के पीछे संजय यादव ही जिम्मेदार हैं.

रोहिणी और तेजस्वी के बीच संजय यादव को लेकर हुआ विवाद

इससे पहले राबड़ी आवास पर लालू की बेटी रोहिणी आचार्या और तेजस्वी यादव के बीच संजय यादव को लेकर विवाद हुआ था. रोहिणी ने दावा किया था कि संजय का नाम लेने पर उन्हें गाली दी गई और उन पर चप्पल तक फेंका गया.

संजय तय करते हैं तेजस्वी से कौन मिलेगा

टिकट बंटवारे के समय भी कई नेताओं ने संजय यादव पर रिश्वत मांगने और पैसे न देने पर टिकट काटने का आरोप लगाया था. महागठबंधन में सीट शेयरिंग के दौरान कांग्रेस से तकरार और 11 सीटों पर सहयोगी दलों के आपसी मुकाबले को रोकने में तेजस्वी की नाकामी के लिए भी नेता संजय यादव को जिम्मेदार मानते रहे हैं. कई वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि संजय ने पार्टी पर नियंत्रण कर लिया है और वही तय करते हैं कि कौन तेजस्वी से मिल सकता है.

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राजद का चुनाव में क्या रहा हाल

इस चुनाव में आरजेडी 25 सीटों पर सिमट गई, जबकि 2020 में पार्टी 75 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. इस बार नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन ने महागठबंधन को बुरी तरह हरा दिया. खुद तेजस्वी यादव राघोपुर में बहुत मुश्किल से जीत पाए. दो सीटें कम होतीं तो वे नेता प्रतिपक्ष भी नहीं बन पाते.

पूरा महागठबंधन 110 से घटकर सिर्फ 35 सीटों पर आ गया. कांग्रेस 19 से घटकर 6 पर, माले 12 से 2 पर और सीपीएम 2 से 1 पर सिमट गई. मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी का एक भी उम्मीदवार नहीं जीत सका.

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