अपने पसंदीदा शहर चुनें

Ahmedabad Plane Crash: एयर इंडिया हादसे में पॉलिसी होल्डर्स के साथ नॉमिनी की भी मौत, किसे मुआवजा दें बीमा कंपनियां

Prabhat Khabar
18 Jun, 2025
Ahmedabad Plane Crash: एयर इंडिया हादसे में पॉलिसी होल्डर्स के साथ नॉमिनी की भी मौत, किसे मुआवजा दें बीमा कंपनियां

Ahmedabad Plane Crash: एयर इंडिया विमान हादसे ने जहां सैकड़ों परिवारों को गहरा शोक दिया, वहीं बीमा कंपनियों के सामने एक मानवीय और व्यावहारिक चुनौती खड़ी कर दी है. अब यह बीमा नियामकों और कंपनियों की जिम्मेदारी है कि वे मृतकों के परिजनों को न्याय दिलाने के लिए दावों के निपटान में संवेदनशीलता और तत्परता दिखाएं. भविष्य के लिए एक सबक यह भी है कि बीमा पॉलिसी बनाते समय नामितीकरण और उत्तराधिकार का स्पष्ट और बहुविकल्पीय निर्धारण आवश्यक है.

Ahmedabad Plane Crash: गुजरात के अहमदाबाद से 12 जून 2025 को लंदन जा रहे एयर इंडिया के विमान की भयावह दुर्घटना ने न केवल 270 लोगों की जान ली, बल्कि बीमा क्षेत्र में भी कई नई चुनौतियां पैदा कर दी हैं. इस दुर्घटना में पॉलिसीधारक और उनके नामित व्यक्ति (नॉमिनी) दोनों की मौत के कई मामले सामने आए हैं, जिससे बीमा कंपनियों को दावों के निपटान में असमंजस का सामना करना पड़ रहा है.

असमंजस में बीमा कंपनियां

इस हादसे के बाद प्रमुख बीमा कंपनियों एलआईसी, एचडीएफसी लाइफ, टाटा एआईजी, इफ्को टोकियो और बजाज आलियांज को कई ऐसे मामले मिले हैं, जहां बीमा पॉलिसी तो है, लेकिन नॉमिनी की भी इस हादसे में मौत हो चुकी है. इससे यह तय करना मुश्किल हो गया है कि मुआवजा किसे दिया जाए. बीमा कंपनियों के अनुसार, आम तौर पर यदि बीमाधारक की मौत होती है और नॉमिनी जीवित हो, तो प्रक्रिया आसान होती है. लेकिन, जब दोनों नहीं रहे, तब उत्तराधिकार प्रमाणपत्र की आवश्यकता होती है, जिससे प्रक्रिया लंबी और पेचीदा हो जाती है. ऐसे में बीमा कंपनियां असमंजस में दिखाई दे रही हैं.

Ahmedabad Plane Crash: इरडा की सक्रियता और निर्देश

इस बीच, भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बीमा कंपनियों को सलाह दी है कि वे मृतकों की सूची को अपने डेटा से मिलाएं और जल्द से जल्द दावों का निपटान करें. साथ ही, यह भी निर्देश दिया गया है कि तकनीकी औपचारिकताओं के कारण किसी दावे को रोका या टाला न जाए. इसके बाद बीमा कंपनियों ने अहमदाबाद सिविल अस्पताल में सहायता केंद्र खोल दिए हैं.

जब पॉलिसी होल्डर और नॉमिनी दोनों नहीं रहे

एलआईसी के अधिकारी आशीष शुक्ला ने बताया कि एक मामला ऐसा आया है, जहां पॉलिसी होल्डर और उसका नॉमिनी जीवनसाथी दोनों की मौत हो गई. ऐसे मामलों में अब श्रेणी-1 के उत्तराधिकारियों (बच्चे या रक्त संबंधी) को तलाशा जा रहा है. यदि कई बच्चे हैं, तो सभी से संयुक्त घोषणा-पत्र और क्षतिपूर्ति बॉन्ड लिया जा रहा है, ताकि दावा निपटाया जा सके. यह प्रक्रिया सामान्य परिस्थितियों से अलग और विशेष लचीलेपन के साथ अपनाई जा रही है.

Ahmedabad Plane Crash: कानूनी टीम की भूमिका बढ़ी

टाटा एआईजी के अधिकारी निश्चल बुच ने कहा कि उनकी कंपनी को ऐसे सात दावे प्राप्त हुए हैं, जिनमें से एक में पॉलिसीधारक और नॉमिनी दोनों की मौत हो गई. इन मामलों में कंपनी की लीगल टीम इस बात की जांच कर रही है कि क्या उत्तराधिकारियों से एक संयुक्त घोषणा लेकर दावा निपटाया जा सकता है. इफ्को टोकियो के क्लेम मैनेजर मनप्रीत सभरवाल ने बताया कि उनकी कंपनी से बीमा कराने वाली एक कंपनी के निदेशक और उनकी पत्नी दोनों ही विमान दुर्घटना में मारे गए, जिससे दावा प्रक्रिया और अधिक जटिल हो गई है.

इसे भी पढ़ें: शुरुआती बढ़त बरकरार नहीं रख पाया शेयर बाजार, 138.64 अंक टूटकर सेंसेक्स धड़ाम

बीमा प्रणाली में लचीलापन जरूरी

इस हादसे ने यह स्पष्ट किया है कि बीमा क्षेत्र को ऐसी आपात स्थितियों के लिए लचीली और मानव-केंद्रित नीति तैयार करनी होगी. केवल कागजी प्रक्रिया पर निर्भरता से न केवल दावेदारों को परेशानी होती है, बल्कि बीमा कंपनियों की छवि भी प्रभावित होती है.

इसे भी पढ़ें: Luxury Brands: मंदी की आहट में अमीरी का ठाठ! लग्जरी ब्रांड्स की बल्ले-बल्ले

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Download from Google PlayDownload from App Store