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रेलवे स्टेशनों पर हल्दीराम, KFC और मैकडॉनल्ड्स की धमाकेदार एंट्री, चप्पल वाले भी चख सकेंगे लजीज व्यंजन 

रेलवे स्टेशनों पर हल्दीराम, KFC और मैकडॉनल्ड्स की धमाकेदार एंट्री, चप्पल वाले भी चख सकेंगे लजीज व्यंजन 
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Food outlets at Indian Railway Station:: रेलवे स्टेशन पर अब सिर्फ ट्रेन का इंतज़ार नहीं होगा, बल्कि खाने का अनुभव भी बदलेगा. यात्रियों को जल्द ही प्लेटफॉर्म पर एयरपोर्ट जैसा प्रीमियम स्वाद मिल सकता है. मैकडॉनल्ड्स, हल्दीराम जैसे बड़े फूड ब्रांड्स की एंट्री से स्टेशन रिटेल और रेलवे की कमाई दोनों को नया सहारा मिलेगा.

Food outlets at Indian Railway Station: भारतीय रेलवे अब अपनी पटरियों के साथ-साथ स्टेशनों के खान-पान की तस्वीर भी बदलने जा रही है. यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं देने के लिए रेलवे स्टेशनों पर अब प्रीमियम फूड और बेवरेज आउटलेट्स (F&B) खोलने की तैयारी तेज हो गई है. मैकडॉनल्ड्स, केएफसी और हल्दीराम जैसे बड़े ब्रांड्स ने इस नए बाजार में उतरने के लिए गहरी दिलचस्पी दिखाई है.

एयरपोर्ट से भी ज्यादा कमाई की उम्मीद

इंडस्ट्री विशेषज्ञों और अधिकारियों का मानना है कि रेलवे स्टेशनों पर ग्राहकों की भारी संख्या (Footfall) इसे एयरपोर्ट से भी बड़ा मार्केट बना सकती है. ‘नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ (NRAI) के अनुसार, भले ही एयरपोर्ट पर प्रति ऑर्डर कमाई अधिक हो, लेकिन रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की तादाद इतनी ज्यादा है कि यहाँ बिक्री के सभी रिकॉर्ड टूट सकते हैं. कम लागत और हाई-स्पीड सर्विस इन आउटलेट्स की सफलता का मुख्य मंत्र होगी.

2026 तक शुरू हो सकते हैं पहले प्रीमियम आउटलेट

रेलवे की संशोधित कैटरिंग पॉलिसी 2017 के तहत अब प्रीमियम ब्रांड्स के लिए रास्ते साफ कर दिए गए हैं. अधिकारियों के मुताबिक, 2026 तक स्टेशनों पर पहले प्रीमियम आउटलेट दिखने शुरू हो जाएंगे. इसका मुख्य उद्देश्य रेल यात्रा के अनुभव को लग्जरी बनाना और यात्रियों को वही क्वालिटी देना है जो उन्हें बड़े मॉल्स या एयरपोर्ट्स पर मिलती है.

7,000 स्टेशनों पर ई-नीलामी के जरिए मिलेंगे लाइसेंस

सरकार ने देशभर के 7,000 से अधिक स्टेशनों पर इन रेस्टोरेंट चेन्स को जगह देने की योजना बनाई है. इसके लिए 5 साल के लाइसेंस हेतु ई-नीलामी (e-auction) की जाएगी. कंपनियां अपने डायरेक्ट स्टोर या फ्रेंचाइजी मॉडल के जरिए यहाँ कदम रख सकेंगी. हालांकि, इसके लिए उन्हें कड़े क्वालिटी मानकों का पालन करना होगा और एक निश्चित लाइसेंस फीस देनी होगी.

नॉन-फेयर रेवेन्यू में बड़े उछाल की तैयारी

वर्तमान में भारतीय रेलवे की कुल कमाई में टिकट के अलावा अन्य स्रोतों (Non-fare revenue) का हिस्सा महज 3% है, जबकि विकसित देशों में यह 30% तक होता है. प्रीमियम फूड आउटलेट्स के आने से रेलवे की इस कमाई में बड़ा इजाफा होने की उम्मीद है. वित्त वर्ष 2025 में रेलवे ने इस क्षेत्र से ₹686.9 करोड़ जुटाए हैं, जिसे अब कई गुना बढ़ाने का लक्ष्य है.

क्या कहते हैं दिग्गज ब्रांड्स?

हल्दीराम और वाओ! मोमो (Wow! Momo) जैसे ब्रांड्स का मानना है कि रेलवे का यह कदम ‘क्विक सर्विस रेस्टोरेंट’ (QSR) इंडस्ट्री के लिए गेम-चेंजर साबित होगा. हल्दीराम के प्रवक्ता के अनुसार, चूँकि रेलवे से हर वर्ग के लोग सफर करते हैं, इसलिए यहाँ डिमांड की कोई कमी नहीं होगी. बस कुछ परिचालन संबंधी बारीकियों पर सरकार के साथ बातचीत जारी है.

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Anshuman Parashar

लेखक के बारे में

Anshuman Parashar

Contributor

मैं अंशुमान पराशर पिछले दो वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय हूं. बिहार से जुड़े सामाजिक, राजनीतिक, अपराध और जनसरोकार के मुद्दों पर लिखने में विशेष रुचि रखता हूं. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल टीम से जुड़ा हूं. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में ग्राउंड रिपोर्टिंग और विस्तृत राजनीतिक कवरेज किया है. अब बिजनेस बीट पर काम करते हुए निवेश, सरकारी योजनाओं और आर्थिक मामलों से जुड़ी खबरों को सरल और स्पष्ट रूप में पाठकों तक पहुंचा रहा हूं. तथ्यों की प्रमाणिकता और पारदर्शी प्रस्तुति को हमेशा प्राथमिकता देता हूं. और पढ़ें

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