Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के बारे में अगर बताएं तो उन्हें अपने समय के सबसे ज्ञानी और बुद्धिमान पुरुष के तौर पर भी जाना जाता है. वे सिर्फ एक महान पॉलिटिशियन ही नहीं थे बल्कि उन्हें मानव स्वभाव के बारे में भी काफी गहरी समझ थी. मानवजाति को सही रास्ता दिखने के लिए उन्होंने अपने जीवनकाल के दौरान कई तरह की बातें कहीं थीं जो आज के समय में भी हमें सही रास्ता दिखाने का काम करते हैं. अपनी नीतियों में आचार्य चाणक्य ने हमेशा ही बाहरी ताकत से ज्यादा अंदर की ताकत को महत्व दिया है. उनके अनुसार असली शक्तिशाली व्यक्ति वही है जो कठिन से कठिन हालात में भी खुद को संभाल सके. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति की अंदरूनी ताकत उसके व्यवहार और उसकी सोच से ही पहचानी जा सकती है. तो चलिए जानते हैं वे 5 संकेत जो बताते है कि अंदर से कोई भी व्यक्ति कितना ज्यादा मजबूत और शक्तिशाली है.
कठिन समय में भी धैर्य बनाए रखना
आचार्य चाणक्य कहते हैं जो भी व्यक्ति कठिन समय में घबराता नहीं है और अपने दिमाग को शांत रखकर धैर्य से काम लेता है असलियत में वही अंदर से सबसे मजबूत इंसान है. वे कहते हैं कि परेशानियां हर किसी के जीवन में आती है लेकिन उन्हें शांत मन से सुलझाना ही असली ताकत है. आचार्य चाणक्य के अनुसार जो भी व्यक्ति धैर्य रखता है वह कभी भी जल्दबाजी में आकर गलत फैसले नहीं लेता है. इसके अलावा इस तरह के जो लोग होते हैं वे कितने भी बुरे हालात को अपने पक्ष में बदलने की ताकत भी रखते हैं.
गुस्से पर कंट्रोल रखना
आचार्य चाणक्य के अनुसार किसी भी व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन उसका गुस्सा ही है. ऐसे में जो भी व्यक्ति अपने गुस्से पर काबू पा लेता है उसे मानसिक रूप से काफी ज्यादा शक्तिशाली माना जाता है. इस तरह के जो लोग होते हैं वे अपमान और बहकावे में आने के बावजूद भी अपना संयम नहीं खोते हैं और काफी सोच-समझकर कोई भी जवाब देते हैं. उनकी यह आदत उन्हें दूसरों से अलग बनाती है.
अपनी बात कम शब्दों में कहना
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में हमेशा की कम और सोच-समझकर बोलने की सलाह दी है. वे कहते हैं कि जो व्यक्ति हर चीज का दिखावा नहीं करता और सिर्फ जरूरी बातें ही कहता है वह अंदर से कॉन्फिडेंट होता है. इस तरह के लोगों को कभी भी खुद को दूसरों के सामने प्रूव करने की जरूरत नहीं पड़ती. कई बार इसकी खामोशी ही इनकी सबसे बड़ी ताकत बन जाती है.
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सुख और दुख में बैलेंस बनाए रखना
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो भी व्यक्ति न काफी ज्यादा सुख का घमंड करता है और न ही दुख आने पर आसानी से टूटता है असलियत में वही सबसे शक्तिशाली व्यक्ति है. वे कहते हैं जीवन में सुख और दुख का आना एक आम बात है लेकिन इसमें में बैलेंस बनाये रखना सबसे ज्यादा जरूरी है. जिस व्यक्ति को अपने सुख और दुख में बैलेंस बनाना आता है वह किसी भी हालात से खुद को संभालकर जीवन में आगे बढ़ता है.
आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी होना
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो भी इंसान अंदर से मजबूत होता है वह कभी भी दूसरों ओर ज्यादा निर्भर नहीं रहता है. उनकी यही आत्मनिर्भरता ही उनकी असली ताकत है. इस तरह के जो लोग होते हैं वे अपने सारे फैसले खुद लेते हैं और उन्हें खुद पर ही सबसे ज्यादा भरोसा होता है.
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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर इसकी पुष्टि नहीं करता है.










