Mauni Amavasya 2026: सनातन धर्म में मौनी अमावस्या को अत्यंत पुण्यदायी माना गया है. यह पर्व माघ माह की अमावस्या को मनाया जाता है. इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और पितरों का तर्पण करने का विशेष महत्व होता है. माघ अमावस्या को मौनी अमावस्या और माघी अमावस्या के नाम से जाना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन किए गए पुण्य कर्मों से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और साधक को पापों से मुक्ति मिलती है, इसके साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है. आइये जानते है ज्योतिषाचार्य एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ चंद्रशेखर सहस्त्रबाहु: से मौनी पौष अमावस्या की शुभ मुहर्त पूजा विधि और महत्व.
मौनी अमावस्या 2026 की सही तिथि
माघ माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत 18 जनवरी 2026 को देर रात 12 बजकर 3 मिनट से होगी, जबकि इस तिथि का समापन 19 जनवरी 2026 को देर रात 01 बजकर 21 मिनट में होगा. इस दिन गंगा का जल अमृतमय हो जाता है, जिससे स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और जीवन में सुख-शांति तथा समृद्धि आती है.
मौनी अमावस्या 2026 के शुभ मुहूर्त
सूर्योदय: प्रातः 07:15 बजे
सूर्यास्त: सायं 05:49 बजे
चंद्रास्त: सायं 05:20 बजे
ब्रह्म मुहूर्त: 05:27 से 06:21 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:10 से 12:53 बजे तक
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:17 से 3:00 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त: सायं 05:46 से 06:13 बजे तक
नोट- इन मुहूर्तों में स्नान, दान और तर्पण करना विशेष फलदायी माना जाता है.
मौनी अमावस्या पर पितरों की शांति के उपाय
पितरों की मोक्ष प्राप्ति और पितृ दोष से मुक्ति के लिए इस दिन पवित्र नदी में स्नान करें. सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें. पितरों का तर्पण और पिंडदान करें. गरीबों या मंदिर में तिल, अन्न, वस्त्र और दान सामग्री का दान करें, इन उपायों से पितृ प्रसन्न होते हैं और परिवार पर उनकी कृपा बनी रहती है.
पिंड बनाने की सामग्री
- पके हुए चावल
- काला तिल
- जौ
- गंगाजल
- कुश
- शुद्ध घी
पिंड दान की विधि
- गंगा या पवित्र नदी में स्नान करें.
- दक्षिण दिशा की ओर मुख करके बैठें.
- कुश बिछाकर पिंड रखें.
- पितरों का स्मरण करें.
- जल में काला तिल मिलाकर दक्षिण दिशा की ओर तर्पण करें.
- पंडित द्वारा बताए गए मंत्रों के साथ पिंड अर्पित करें.
- अंत में जल, तिल से तर्पण करें.
पिंड दान के बाद दान अवश्य करें
- अन्न, वस्त्र, कंबल, तिल और गाय, ब्राह्मण या जरूरतमंद को दान करें.
पिंड दान के दिन किन बातों से बचें
- मांस-मदिरा का सेवन न करें
- क्रोध, झूठ, अपशब्द से बचें
- अहंकार या जल्दबाजी न करें
अमावस्या के दिन पीपल की पूजा करें
- स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें.
- पीपल के पेड़ के पास दीपक जलाएं.
- पीपल की जड़ में जल, दूध और काला तिल मिलाकर अर्पित करें.
- अक्षत, पुष्प चढ़ाएं.
- मौली पीपल में बांधें.
- 7 या 11 परिक्रमा करें.
- पितरों का स्मरण करते हुए प्रार्थना करें.
पीपल पूजा के लाभ
- पितृ दोष से मुक्ति
- घर में सुख–शांति
- धन–समृद्धि में वृद्धि
- रोग–कष्ट से रक्षा
- पुण्य और मोक्ष प्राप्ति
मौन व्रत से मिलने वाले लाभ
मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने का विशेष आध्यात्मिक महत्व है. मन, वाणी और कर्म को शुद्ध रखें. मन शांत रहता है और वाणी शुद्ध होती है. स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें. रोग, नकारात्मकता, तनाव, क्रोध और दरिद्रता से मुक्ति मिलती है और आध्यात्मिक उन्नति होती है.
चंद्रशेखर सहस्त्रबाहु:
ज्योतिषाचार्य एवं हस्त रेखा विशेषज्ञ
Mo- +918620920581
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