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बीएलओ से लेकर आम आदमी तक हुए परेशान

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अभिषेक बनर्जी ने कहा कि 1 महीने पहले ही उनकी पार्टी ने आशंका जतायी थी कि एसआईआर का काम कर रहे लोग परेशान हैं. एसआईआर में आमतौर पर 2 साल तक का वक्त लगता है, लेकिन इसे 2-3 महीने में जबरन पूरा करवाया जा रहा है. बीएलओ से लेकर आम आदमी तक इसकी वजह से परेशान हुए. उन्होंने कहा कि 51 लोगों ने एसआईआर और एनआरसी के डर से आत्महत्या की कोशिश की. इसमें 45 लोगों की जान चली गयी. 6 लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं.

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29 बीएलओ ने आत्महत्या की कोशिश की, 5 की चली गयी जान

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अभिषेक बनर्जी ने कहा कि बीएलओ के मामले में देखा गया है कि 29 लोगों ने जान देने की कोशिश की. इसमें 24 का इलाज अस्पताल में चल रहा है. 5 लोगों ने आत्महत्या कर ली. सभी बीएलओ या उनके परिजनों ने लिखित रूप में कहा है कि एसआईआर का काम पूरा नहीं कर पाने के मानसिक दबाव की वजह से उन्होंने आत्महत्या की है.

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अभिषेक बोले- TMC ने पूछे थे 5 सवाल, अब तक किसी का नहीं मिला जवाब

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अभिषेक ने कहा कि नवंबर के अंत में चुनाव आयोग के साथ हुई बैठक में 5 प्रश्नों का जवाब मांगा था. कहा था कि आयोग को इन सवालों के जवाब देने ही होंगे. उन्होंने कहा कि एक महीने बाद भी कोई जवाब नहीं मिला. किसी एक सवाल का जवाब नहीं मिला. जिस दिन चुनाव आयोग के साथ बैठक हुई थी, ईसीआई ने कुछ पत्रकारों को बुलाकर समाचार पत्रों में प्रकाशित करवाया कि आयोग तृणमूल कांग्रेस के एक-एक सवाल का जवाब देगा.

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SIR में कितने बांग्लादेशियों के नाम हटाये गये, खुलासा करे चुनाव आयोग, टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी की मांग

Prabhat Khabar
27 Dec, 2025
SIR में कितने बांग्लादेशियों के नाम हटाये गये, खुलासा करे चुनाव आयोग, टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी की मांग

SIR West Bengal: तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने मांग की है कि पश्चिम बंगाल में एसआईआर के दौरान कितने रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के नाम हटाये गये, इसकी जानकारी चुनाव आयोग को सार्वजनिक करनी चाहिए. उन्होंने दावा किया कि 2021 में बंगाल चुनाव हारने के बाद से केंद्र सरकार राज्य के लोगों को परेशान कर रही है.

SIR West Bengal: पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने चुनाव आयोग से मांग की है कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के दौरान मसौदा मतदाता सूची से हटाये गये 58.20 लाख लोगों में कितने बांग्लादेशी थे, इसका खुलासा किया जाये. ममता बनर्जी के बाद दूसरे नंबर के सबसे बड़े तृणमूल नेता अभिषेक बनर्जी ने शनिवार को कहा कि निर्वाचन आयोग को यह बताना चाहिए कि राज्य में एसआईआर के बाद कितने अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं के नाम वोटर लिस्ट से काटे गये.

2021 से बंगाल को विशेष रूप से निशाना बना रहा केंद्र – अभिषेक बनर्जी

एसआईआर के पहले चरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद संदिग्ध मतदाताओं के दस्तावेज के सत्यापन के लिए शनिवार से शिविर की शुरुआत के बीच अभिषेक बनर्जी ने यह मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया कि वर्ष 2021 में पश्चिम बंगाल में अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (AITC) के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद से केंद्र सरकार बंगाल को विशेष रूप से निशाना बना रहा है. उन्होंने दावा किया कि ‘एजेंडा (केंद्र का) राज्य के लोगों को परेशान करना है’.

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SIR West Bengal: बंगाल में 10.05 करोड़ की आबादी, 58.20 लाख लोगों के नाम कटे

तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि बंगाल की जनसंख्या 10.05 करोड़ है. चुनाव आयोग की ओर से जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में मतदाता सूची से जिन लोगों के नाम हटाये गये हैं, उनकी संख्या 58.20 लाख है. यह संख्या बंगाल की कुल आबादी का 5.79 प्रतिशत है, जो उन सभी राज्यों में सबसे कम है, जहां एसआईआर अभियान चलाया जा रहा है. उन्होंने मांग की कि निर्वाचन आयोग को इन 58.20 लाख नामों में से बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं की संख्या का खुलासा करना चाहिए.

बीएलओ से लेकर आम आदमी तक हुए परेशान

अभिषेक बनर्जी ने कहा कि 1 महीने पहले ही उनकी पार्टी ने आशंका जतायी थी कि एसआईआर का काम कर रहे लोग परेशान हैं. एसआईआर में आमतौर पर 2 साल तक का वक्त लगता है, लेकिन इसे 2-3 महीने में जबरन पूरा करवाया जा रहा है. बीएलओ से लेकर आम आदमी तक इसकी वजह से परेशान हुए. उन्होंने कहा कि 51 लोगों ने एसआईआर और एनआरसी के डर से आत्महत्या की कोशिश की. इसमें 45 लोगों की जान चली गयी. 6 लोग अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं.

29 बीएलओ ने आत्महत्या की कोशिश की, 5 की चली गयी जान

अभिषेक बनर्जी ने कहा कि बीएलओ के मामले में देखा गया है कि 29 लोगों ने जान देने की कोशिश की. इसमें 24 का इलाज अस्पताल में चल रहा है. 5 लोगों ने आत्महत्या कर ली. सभी बीएलओ या उनके परिजनों ने लिखित रूप में कहा है कि एसआईआर का काम पूरा नहीं कर पाने के मानसिक दबाव की वजह से उन्होंने आत्महत्या की है.

अभिषेक बोले- TMC ने पूछे थे 5 सवाल, अब तक किसी का नहीं मिला जवाब

अभिषेक ने कहा कि नवंबर के अंत में चुनाव आयोग के साथ हुई बैठक में 5 प्रश्नों का जवाब मांगा था. कहा था कि आयोग को इन सवालों के जवाब देने ही होंगे. उन्होंने कहा कि एक महीने बाद भी कोई जवाब नहीं मिला. किसी एक सवाल का जवाब नहीं मिला. जिस दिन चुनाव आयोग के साथ बैठक हुई थी, ईसीआई ने कुछ पत्रकारों को बुलाकर समाचार पत्रों में प्रकाशित करवाया कि आयोग तृणमूल कांग्रेस के एक-एक सवाल का जवाब देगा.

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