Ashes 2025: एशेज सीरीज के बीच ऑस्ट्रेलिया के खूबसूरत समुद्री शहर नोसा में लिया गया इंग्लैंड क्रिकेट टीम का ब्रेक अब विवादों में आ गया है. मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बाद खिलाड़ियों की शराबखोरी पर सवाल उठे हैं. इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) और टीम मैनेजमेंट ने साफ किया है कि पूरे मामले की जांच की जाएगी. हालांकि टीम डायरेक्टर रॉब की (Rob Key) ने यह भी कहा है कि तथ्यों को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जा रहा है. इस पूरे विवाद ने एक बार फिर विदेशी दौरों में खिलाड़ियों के व्यवहार और दबाव को लेकर बहस छेड़ दी है.
नोसा ब्रेक क्यों बना विवाद की वजह
एशेज सीरीज के दूसरे और तीसरे टेस्ट के बीच इंग्लैंड टीम ने चार दिन का ब्रेक नोसा में बिताया. यह ब्रेक दौरे की शुरुआत से पहले ही तय था. उस समय इंग्लैंड सीरीज में 2-0 से पीछे था. कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि खिलाड़ी इस दौरान लगातार शराब पीते नजर आए. यहां तक कि ब्रिसबेन टेस्ट के बाद भी दो दिन तक खिलाड़ियों के शराब पीने की बातें सामने आईं. इसी वजह से यह ब्रेक अब चर्चा का विषय बन गया है.
बेन डकेट का वीडियो, सोशल मीडिया पर हंगामा
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें ओपनर बेन डकेट नशे में दिख रहे हैं. वीडियो में उनसे घर जाने का रास्ता पूछा जाता है और वह जवाब नहीं दे पाते. बाद में वह गाली देते हुए भी नजर आते हैं. बीबीसी स्पोर्ट ने इस वीडियो की पुष्टि नहीं की है लेकिन इसके सामने आने के बाद इंग्लैंड बोर्ड हरकत में आ गया. ईसीबी ने कहा है कि खिलाड़ियों के व्यवहार को लेकर उनकी अपेक्षाएं बहुत ऊंची हैं और तथ्यों की जांच की जा रही है.
रॉब की का बयान और टीम का पक्ष
इंग्लैंड के डायरेक्टर ऑफ क्रिकेट रॉब की ने कहा कि छह दिन तक लगातार शराब पीने जैसी बातें अगर सही हैं तो यह पूरी तरह अस्वीकार्य है. उन्होंने यह भी कहा कि वह शराबखोरी की संस्कृति के खिलाफ हैं. रॉब की के मुताबिक कुछ तस्वीरों में खिलाड़ी लंच या डिनर के दौरान ड्रिंक करते दिखे हैं लेकिन इसे जरूरत से ज्यादा बढ़ाया जा रहा है. उनका कहना है कि सच और अफवाहों में फर्क करना जरूरी है.
पूर्व खिलाड़ियों की राय
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज और कोच डैरेन लेहमन ने इंग्लैंड खिलाड़ियों का बचाव किया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने नोसा में खिलाड़ियों के साथ वक्त बिताया और उनका व्यवहार ठीक था. उनके मुताबिक खिलाड़ी बीच पर गए. गोल्फ खेला, लोकल लोगों के साथ घुले मिले और किसी तरह की बदतमीजी नहीं की. वहीं इंग्लैंड के पूर्व कोच पॉल फारब्रैस ने माना कि ऑस्ट्रेलियाई मीडिया काफी आक्रामक होता है लेकिन खुलेआम हाई स्ट्रीट पर दिन में शराब पीना अच्छी छवि नहीं बनाता.
दबाव, थकान और ब्रेक की जरूरत
रॉब की और अन्य पूर्व खिलाड़ियों का मानना है कि लगातार लंबे दौरों के कारण खिलाड़ी मानसिक दबाव में रहते हैं. हैरी ब्रूक जैसे खिलाड़ी पूरे सर्दियों में सिर्फ छह दिन घर पर रह पाएंगे. ऐसे में क्रिकेट से दूर कुछ वक्त बिताना जरूरी हो जाता है. हालांकि यह भी साफ किया गया है कि ब्रेक का मतलब अनुशासन तोड़ना नहीं है. मैनेजमेंट का कहना है कि अगर जांच में कुछ गलत पाया गया तो कार्रवाई होगी. लेकिन शराबखोरी ने एशेज हार में कोई भूमिका नहीं निभाई है. इंग्लैंड सीरीज में वहीं है जहां उसकी क्रिकेट उसे ले गई है.
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