अपने पसंदीदा शहर चुनें

UP: मासूम को स्कूटी पर बैठाया, गला दबाया, फिर गाड़ दिया… 80 दिन बाद खुला राज; घर के पास बैठा था 'कातिल दुकानदार'

Prabhat Khabar
20 Jul, 2025
UP: मासूम को स्कूटी पर बैठाया, गला दबाया, फिर गाड़ दिया… 80 दिन बाद खुला राज; घर के पास बैठा था 'कातिल दुकानदार'

Agra Crime News: आगरा के फतेहाबाद में 8 साल के छात्र अभय का अपहरण कर हत्या कर दी गई. 80 लाख की फिरौती के लिए पड़ोसी युवकों ने वारदात की. शव 80 दिन बाद राजस्थान में जमीन में दबा मिला. आरोपी रोज उसके घर के सामने दुकान चलाते थे.

Agra Crime News: आगरा के फतेहाबाद कस्बे की विजय नगर कॉलोनी से 30 अप्रैल की शाम को लापता हुए आठ वर्षीय अभय प्रताप की तलाश में परिजन और पुलिस 80 दिनों से लगातार जुटे थे. हर दिशा में खोजबीन की गई, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. शनिवार को जब पुलिस राजस्थान के धौलपुर जिले के मनिया थाना क्षेत्र में पहुंची, तो एक खेत में प्लास्टिक की बोरी में दबा शव मिला. उसकी पहचान अभय के रूप में हुई. यह खबर सुनकर परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा.

घर के पास रहने वाले निकले आरोपी

जिन लोगों ने इस क्रूर घटना को अंजाम दिया, वे कोई बाहर के नहीं बल्कि मृतक के पड़ोसी ही निकले. आरोपी राहुल, जो अभय के घर के ठीक सामने रहता था, और कृष्णा उर्फ भजनलाल, जिसका जन सेवा केंद्र भी मृतक के घर से कुछ कदम की दूरी पर था, दोनों ही रोज आम लोगों की तरह जीवन जीते रहे. उनकी सामान्य दिनचर्या ने किसी को भी उन पर शक नहीं होने दिया.

स्कूटी से किया अपहरण, रास्ते में हत्या

30 अप्रैल को क्षेत्र में शादी का माहौल था. इसी का फायदा उठाते हुए आरोपियों ने मासूम अभय को टॉफी और घुमाने का लालच देकर स्कूटी पर बैठा लिया. रास्ते में अभय ने मम्मी-पापा के पास जाने की जिद की और रोने लगा. डर के मारे दोनों आरोपियों ने मिलकर उसकी गला दबाकर हत्या कर दी. घटना को इतने नृशंस तरीके से अंजाम दिया गया कि दिल दहल जाए.

राजस्थान में गड्ढा खोदकर दबाया शव

हत्या के बाद आरोपियों ने शव को प्लास्टिक के बोरे में भरकर स्कूटी पर रखा और उसे लेकर राजस्थान के मनिया थाना क्षेत्र की ओर निकल गए. वहां एक सुनसान खेत में पहुंचकर उन्होंने गड्ढा खोदा और शव को उसमें दफना दिया. पूरी योजना पहले से तैयार थी. हत्या के बाद दोनों वापस अपने घर लौट आए और सामान्य व्यवहार करते रहे, जिससे पुलिस को भ्रम बना रहे.

फिरौती पत्रों से हुआ खुलासा

बच्चे की हत्या के बाद भी आरोपी पीछे नहीं हटे. उन्होंने चार बार परिजनों को फिरौती के पत्र भेजे. इन पत्रों में 80 लाख रुपये की मांग की गई थी. खास बात यह रही कि पत्रों की भाषा में कुछ ऐसे शब्द इस्तेमाल हुए, जो क्षेत्र के ही एक व्यक्ति की बोलचाल से मेल खाते थे. यह व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि आरोपी कृष्णा था, जो कई साल बाहर रहने के बाद अब जन सेवा केंद्र चला रहा था. उसकी भाषा शैली ही उसे पकड़वाने में मददगार बनी.

कॉल डिटेल्स और लोकेशन ने खोली पोल

फिरौती के पत्रों के बाद पुलिस ने जांच की दिशा बदली और टेक्निकल सर्विलांस पर काम करना शुरू किया. संदिग्ध लोगों की कॉल डिटेल और मोबाइल लोकेशन खंगाली गई. एक संदिग्ध की लोकेशन राजस्थान के मनिया क्षेत्र में मिली. इसी आधार पर पुलिस टीम वहां पहुंची और खेत में खुदाई कराई गई. वहां से प्लास्टिक बोरी में दबा हुआ अभय का शव मिला, जिससे पूरे मामले का खुलासा हुआ.

दो महीने से रची जा रही थी साजिश

पुलिस जांच में सामने आया कि यह कोई अचानक लिया गया फैसला नहीं था, बल्कि इसके पीछे करीब दो महीने की गहरी साजिश थी. कृष्णा लंबे समय से अभय को टॉफी और अन्य चीजें देकर उससे घुल-मिल रहा था, ताकि बच्चा उस पर विश्वास कर सके. राहुल भी इसी योजना का हिस्सा था. उन्होंने घटना की हर बारीकी को पहले से सोच रखा था.

जमीन बेचने की जानकारी से आई लालच की चिंगारी

मृतक अभय के दादा ने हाल ही में अपनी जमीन बेची थी. इस बात की जानकारी क्षेत्र के कुछ लोगों को थी, जिनमें आरोपी भी शामिल थे. उन्हें यकीन था कि परिवार के पास पैसे होंगे, इसलिए उन्होंने अपहरण और फिरौती की योजना बनाई. परंतु जब मासूम रोने लगा तो डरकर उसकी हत्या कर दी और इसके बावजूद फिरौती की मांग जारी रखी.

परिजनों की उम्मीद टूटी, क्षेत्र में शोक और गुस्सा

अभय प्रताप की मौत की पुष्टि होते ही पूरे विजय नगर क्षेत्र में मातम छा गया. जिस मासूम की हर किसी को तलाश थी, वह मृत मिला. परिजन बेसुध हो गए. स्थानीय लोगों में आरोपियों के प्रति गुस्सा है और वे सख्त से सख्त सजा की मांग कर रहे हैं. यह घटना क्षेत्र के लोगों के मन में गहरे डर और दुख की लहर छोड़ गई है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Download from Google PlayDownload from App Store