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गुफा में बच्चों के साथ छिपकर रह रही थी रूसी महिला, रूटीन पेट्रोलिंग में हुआ खुलासा; बोली— “सांपों से डर नहीं… वो मेरे आसपास रहते हैं”

17/07/2025
गुफा में बच्चों के साथ छिपकर रह रही थी रूसी महिला, रूटीन पेट्रोलिंग में हुआ खुलासा; बोली— “सांपों से डर नहीं… वो मेरे आसपास रहते हैं”
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Russian Woman Rescued In Indian Jungle: भारत के घने जंगल में गुफा में बेटियों संग रह रही रूसी महिला का पुलिस ने रेस्क्यू किया. रूटीन पेट्रोलिंग में हुआ खुलासा. महिला बोली “सांप मेरे दोस्त हैं, झरनों में नहाकर प्रकृति के साथ जीती हूं.” बच्चों के पिता इजरायली व्यापारी, डिपोर्ट की तैयारी.

Russian Woman Rescued In Indian Jungle: भारत देश के कर्नाटक के गोकर्ण में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक रूसी महिला नीना कुटीना अपनी दो छोटी बच्चियों के साथ जंगल के बीच स्थित एक गुफा में रह रही थी. यह रहस्य उस समय उजागर हुआ जब गोकर्ण पुलिस की टीम नियमित गश्त (रूटीन पेट्रोलिंग) पर थी और उन्हें रामतीर्थ पहाड़ी क्षेत्र के जंगल में एक संदिग्ध हलचल दिखाई दी.

जांच के दौरान पुलिस टीम जब गुफा के पास पहुंची, तो देखा कि उसके दरवाजे पर प्लास्टिक की एक चादर लगी हुई थी. जब उन्होंने अंदर जाकर देखा, तो एक बच्ची खेल रही थी और दूसरी अपनी मां के साथ सो रही थी. पुलिस ने तुरंत महिला और बच्चों से बातचीत की और पाया कि वे कई दिनों से इसी गुफा में रह रहे थे. इसके बाद उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला गया.

छह साल की प्रेया और चार साल की अमा भी थीं साथ

नीना की दो बेटियां छह साल की प्रेया और चार साल की अमा भी उसी गुफा में उसके साथ रह रही थीं. यह परिवार दो सप्ताह से अधिक समय से जंगल की एकांत, प्राकृतिक गुफा में रह रहा था. पुलिस टीम ने गोकर्ण के सब-इंस्पेक्टर श्रीधर एस.आर. के नेतृत्व में दोनों बच्चियों और उनकी मां को सुरक्षित रेस्क्यू किया.

2016 में आई थी भारत, आध्यात्मिकता की ओर हुआ झुकाव

सब-इंस्पेक्टर श्रीधर ने बताया कि नीना वर्ष 2016 में बिजनेस वीजा पर भारत आई थीं और गोवा में रुकी थीं. लेकिन धीरे-धीरे उनका झुकाव भारत की आध्यात्मिक परंपराओं और हिंदू धर्म की ओर हो गया. गोवा में कुछ समय बिताने के बाद वह कर्नाटक के गोकर्ण पहुंचीं, जो एक पवित्र तटीय शहर माना जाता है. वहां उन्होंने आधुनिक जीवन को छोड़कर एक गुफा में रहने का फैसला कर लिया.

“सांप हमारे दोस्त हैं”, गुफा छोड़ने को नहीं थीं तैयार

जब पुलिस ने नीना से कहा कि गुफा को छोड़कर बाहर आएं क्योंकि यह क्षेत्र विषैले सांपों से भरा है और यहां रहना खतरे से खाली नहीं है, तो उन्होंने यह कहकर इनकार कर दिया, “सांप हमारे दोस्त हैं और जब तक हम उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाते, वे भी हमें नुकसान नहीं पहुंचाते.” उन्होंने बताया कि जब वे पास के झरने में नहाने जाती हैं, तब भी सांप उनके आसपास रहते हैं लेकिन कोई हानि नहीं पहुंचाते.

भूस्खलन के खतरे पर मानी बाहर आने को

पुलिस ने जब नीना को बताया कि बारिश के मौसम में गुफा के आसपास भूस्खलन का खतरा है और कभी भी जान का नुकसान हो सकता है, तब जाकर वह गुफा से बाहर आने को तैयार हुईं. इसके बाद पुलिस ने उन्हें और उनकी दोनों बेटियों को सुरक्षित बाहर निकाला और प्रशासनिक प्रक्रिया शुरू की.

बच्चों के पिता हैं इजरायली व्यापारी, गोवा की गुफा में दिया था बच्ची को जन्म

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 40 वर्षीय नीना ने बताया कि उनके बच्चों के पिता एक इजरायली कपड़ा व्यापारी हैं. उन्होंने बताया कि दोनों की मुलाकात करीब 7-8 साल पहले हुई थी और वे रिलेशनशिप में थे. इतना ही नहीं, नीना का दावा है कि उन्होंने एक बेटी को गोवा में एक गुफा में रहते हुए खुद जन्म दिया था.

हालांकि शुरुआत में नीना बच्चों के पिता के बारे में जानकारी देने से कतरा रही थीं, लेकिन बाद में काउंसलर की मदद से उन्होंने सच्चाई बताई. FRRO अधिकारियों ने उस इजरायली व्यक्ति को खोज निकाला, जो वर्तमान में भारत में बिजनेस वीजा पर है.

रूस भेजे जाने की प्रक्रिया शुरू, टिकट का खर्च उठाएगा पिता?

अब नीना और उनकी बेटियों को रूस डिपोर्ट करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. उन्हें फिलहाल बेंगलुरु के डिटेंशन सेंटर में रखा गया है. FRRO अधिकारियों ने इजरायली व्यापारी से बैठक की है ताकि यह तय किया जा सके कि वह नीना और बच्चों की टिकट स्पॉन्सर करेगा या नहीं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, सभी कानूनी औपचारिकताओं के बाद करीब एक महीने में उन्हें रूस भेजा जाएगा.

आध्यात्मिकता के कारण चुना गुफा जीवन

नीना की कहानी केवल एक रेस्क्यू ऑपरेशन नहीं, बल्कि एक महिला के आध्यात्मिक सफर की भी है. उन्होंने आधुनिक जीवनशैली को पूरी तरह त्याग कर जंगल की शांति और प्राकृतिक जीवन को अपना लिया. उनके लिए प्रकृति, सांप, झरने और गुफा ही सब कुछ बन गए थे. यह कहानी जहां एक ओर दिल को छूती है, वहीं यह भी सोचने पर मजबूर करती है कि कोई महिला अपने बच्चों के साथ इस कदर दुनिया से कटकर कैसे रह सकती है.

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Abhishek Singh

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