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Nepal Protest: नेपाल में भारी बवाल, संसद भवन में घुसे प्रदर्शनकारी, अब तक 18 लोगों की मौत; जानें क्यों गुस्से में हैं Gen Z ?

Nepal Protest: नेपाल में भारी बवाल, संसद भवन में घुसे प्रदर्शनकारी, अब तक 18 लोगों की मौत; जानें क्यों गुस्से में हैं Gen Z ?
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Nepal Protest: नेपाल में फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया साइटों पर प्रतिबंध के खिलाफ भारी बवाल हो रहा है. युवा सड़क पर उतर आए हैं. बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करते हुए प्रदर्शनकारी पुलिस बैरिकेड्स पर चढ़ गए और संसद भवन में प्रवेश कर गए. जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश में फायरिंग की. जिसमें नेपाल पुलिस के अनुसार 18 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है और 250 से अधिक लोग घायल हुए हैं. पड़ोसी देश में आखिर युवा, खासकर Gen Z क्यों गुस्से में हैं?

Nepal Protest: नेपाल एक बार फिर हिंसा की आग में जल रहा है. युवा केपी शर्मा ओली सरकार के फैसले के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं. भारी विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. युवाओं में गुस्सा इतना है कि प्रदर्शन के दौरान बैरिकेड्स को तोड़कर संसद भवन में घुस गए. जिसके बाद बवाल और बढ़ गया. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा. आंसू गैस के गोले दागे गए. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें भी हुईं. ताजा अपडेट के अनुसार 18 लोगों की मौत हो चुकी है और 250 से अधिक लोग घायल हैं. स्थिति तनावपूर्ण होने के कारण अधिकारियों ने मजबूर होकर एक दिन के लिए कर्फ्यू लगा दिया है.

प्रदर्शनकारियों ने क्या कहा?

एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हम शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने की योजना बना रहे थे, लेकिन जैसे ही हम आगे बढ़े, हमें पुलिस की हिंसा दिखाई दी. पुलिस लोगों पर गोलियां चला रही है, जो शांतिपूर्ण विरोध के मूल सिद्धांत के विरुद्ध है. जो लोग सत्ता में बैठे हैं, वे अपनी शक्ति हम पर नहीं थोप सकते. भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों को दबाया जा रहा है, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति के अधिकार के विरुद्ध है. पुलिस प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चला रही है.”

क्यों गुस्से में हैं Gen Z

खुद को “जेन-जेड” कहने वाले सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने सरकार द्वारा सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इससे पहले, सोशल मीडिया पर पर्चे और पोस्ट के माध्यम से लोगों से राजधानी में संघीय संसद के पास बानेश्वर आने का आह्वान किया गया था, ताकि सरकार पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बंद करने के फैसले से पीछे हटने का दबाव बनाया जा सके. युवा सरकार पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटने और गहरे भ्रष्टाचार को दूर करने में विफल रहने का आरोप लगा रहे हैं.

सरकार ने फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप सहित 26 सोशल मीडिया पर लगाया प्रतिबंध

नेपाल सरकार ने गुरुवार को फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब सहित 26 अपंजीकृत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगा दिया है. क्योंकि वे निर्धारित समय सीमा के भीतर संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ पंजीकरण कराने में नाकाम रहीं. सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों को पंजीकरण के लिए 28 अगस्त से सात दिन का समय दिया था. नोटिस में कहा गया है कि बुधवार रात समय सीमा समाप्त होने तक किसी भी बड़े सोशल मीडिया मंच, जिनमें मेटा (फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप), अल्फाबेट (यूट्यूब), एक्स (पूर्व में ट्विटर), रेडिट और लिंक्डइन शामिल हैं, ने पंजीकरण संबंधी आवेदन जमा नहीं किया था.

सरकार ने सोशल मीडिया पर क्यों बैन किया?

समाचार पत्र ‘माई रिपब्लिका’ की खबर के अनुसार, प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि पार्टी सोशल मीडिया के खिलाफ नहीं है, “लेकिन इस बात को स्वीकार नहीं किया जा सकता कि जो लोग नेपाल में व्यापार कर रहे हैं, पैसा कमा रहे हैं, वे कानून का पालन नहीं करें.” ओली ने कहा, “देश की आजादी मुट्ठी भर लोगों की नौकरी जाने से कहीं ज्यादा अहम है. कानून की अवहेलना, संविधान की अवहेलना और राष्ट्रीय गरिमा, स्वतंत्रता एवं संप्रभुता का अनादर करना कैसे स्वीकार्य हो सकता है?”

युवाओं को मिला कलाकारों और अभिनेताओं का साथ

युवाओं के प्रदर्शन को नेपाली कलाकारों और अभिनेताओं का साथ मिलना शुरू हो गया है. जिससे आंदोलन और तेज हो गया. नेपाली अभिनेता हरि बंशा आचार्य ने फेसबुक पर पोस्ट करते हुए कहा, “आज का युवा सिर्फ सोचने से ज्यादा कुछ करता है – वह सवाल पूछता है. यह सड़क क्यों टूट गई? कौन जवाबदेह है? यह व्यवस्था के खिलाफ नहीं, बल्कि इसका दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ आवाज है.” उन्होंने राजनीतिक नेताओं से जिम्मेदारी लेने और अगली पीढ़ी को नेतृत्व के लिए तैयार करने का आग्रह किया.

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ArbindKumar Mishra

लेखक के बारे में

ArbindKumar Mishra

Contributor

मुख्यधारा की पत्रकारिता में 14 वर्षों से ज्यादा का अनुभव. खेल जगत में मेरी रुचि है. वैसे, मैं राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खबरों पर काम करता हूं. झारखंड की संस्कृति में भी मेरी गहरी रुचि है. मैं पिछले 14 वर्षों से प्रभातखबर.कॉम के लिए काम कर रहा हूं. इस दौरान मुझे डिजिटल मीडिया में काम करने का काफी अनुभव प्राप्त हुआ है. फिलहाल मैं बतौर शिफ्ट इंचार्ज कार्यरत हूं. और पढ़ें

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