अपने पसंदीदा शहर चुनें

\n\n\n\n

अमेरिका का यह दृष्टिकोण स्वीकार्य नहीं : लावरोव

\n\n\n\n

लावरोव ने कहा कि अमेरिका के इस रवैये से न केवल इन देशों की आर्थिक स्थिति कमजोर होगी, बल्कि उन्हें गंभीर मुश्किलों का सामना भी करना पड़ सकता है. उन्हें नए बाजार और ऊर्जा आपूर्ति के नए साधन खोजने पड़ते हैं और अधिक दाम चुकाने पड़ते हैं. लेकिन इससे भी ज्यादा अहम यह है कि इस तरीके के खिलाफ नैतिक और राजनीतिक स्तर पर विरोध खड़ा हो रहा है. यही कारण है कि अमेरिका का यह दृष्टिकोण स्वीकार्य नहीं माना जा रहा.

\n\n\n\n

यह भी पढ़ें : India America Tariff War: रूसी तेल पर नहीं गली दाल तो मक्के पर उतरा अमेरिका, भारत में एंट्री के लिए बना रहा दबाव

\n"}

Russia on Trump Tariffs : चीन और भारत को धमकी मत दो अमेरिका, रूस ने टैरिफ पर कह दी बड़ी बात

Prabhat Khabar
19 Sep, 2025
Russia on Trump Tariffs : चीन और भारत को धमकी मत दो अमेरिका, रूस ने टैरिफ पर कह दी बड़ी बात

Russia on Trump Tariffs : रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अमेरिकी टैरिफ धमकियों की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि भारत और चीन जैसे देश किसी भी अल्टीमेटम का विरोध करेंगे. उन्होने कहा कि अमेरिका के इस रवैये से भारत और चीन को गंभीर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

Russia on Trump Tariffs : रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अमेरिका की टैरिफ संबंधी बयानबाजी पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि भारत और चीन जैसी “प्राचीन सभ्यताएँ” किसी भी अल्टीमेटम के आगे नहीं झुकेंगी. रूस के प्रमुख चैनल 1 टीवी के कार्यक्रम ‘द ग्रेट गेम’ में उन्होंने यह बात कही. लावरोव ने कहा कि रूस से एनर्जी खरीद बंद करने की अमेरिका अपील कर रहा है. वह मजबूर कर रहा हैं कि वे नए ऊर्जा बाजार और नए संसाधन खोजें. यही नहीं अधिक कीमत चुकाएं.”

रूसी विदेश मंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच मॉस्को से तेल खरीदने को लेकर भारत की कड़ी आलोचना की है. लावरोव ने कहा, “चीन और भारत दोनों प्राचीन सभ्यताएं हैं. उनसे इस तरह की भाषा में बात करना  उचित नहीं है. अमेरिका का यह तरीका काम नहीं करेगा.” उन्होंने वॉशिंगटन को चेतावनी दी कि उनके इस रवैये के खिलाफ कई देश विरोध में उतर गए हैं. उन्होंने अमेरिका की मांगों पर नई दिल्ली और बीजिंग की प्रतिक्रिया की ओर इशारा किया.

अमेरिका का यह दृष्टिकोण स्वीकार्य नहीं : लावरोव

लावरोव ने कहा कि अमेरिका के इस रवैये से न केवल इन देशों की आर्थिक स्थिति कमजोर होगी, बल्कि उन्हें गंभीर मुश्किलों का सामना भी करना पड़ सकता है. उन्हें नए बाजार और ऊर्जा आपूर्ति के नए साधन खोजने पड़ते हैं और अधिक दाम चुकाने पड़ते हैं. लेकिन इससे भी ज्यादा अहम यह है कि इस तरीके के खिलाफ नैतिक और राजनीतिक स्तर पर विरोध खड़ा हो रहा है. यही कारण है कि अमेरिका का यह दृष्टिकोण स्वीकार्य नहीं माना जा रहा.

यह भी पढ़ें : India America Tariff War: रूसी तेल पर नहीं गली दाल तो मक्के पर उतरा अमेरिका, भारत में एंट्री के लिए बना रहा दबाव

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Download from Google PlayDownload from App Store