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Special story : टिकट बांटा, टिकट काटा… खूब हो रहा हल्ला, ये है कागज का टुकड़ा या कोई बला

Prabhat Khabar
10 Apr, 2024
Special story : टिकट बांटा, टिकट काटा… खूब हो रहा हल्ला, ये है कागज का टुकड़ा या कोई बला

आखिर ये टिकट होता क्या है जिसके लिए नेतागण कड़ी मेहनत करते है. जिसके लिए नेता पार्टी में शामिल होते है और छोड़ते है. टिकट का बंटवारा कैसे होता है. आइए जानते है सबकुछ...

‘चुनाव का टिकट नहीं मिलने से नेता जी नाराज, जानते हो भईया हमें लगता है यहां से इस नेता को टिकट मिलना चाहिए, अरे टिकट नहीं मिला तो पार्टी छोड़ दिया’, ये कुछ वाक्य ऐसे है जो इन दिनों अधिकतर गली-चौराहे पर लोगों के लगे जमावड़े से सुनने को मिल रहे है, कारण लोकसभा चुनाव 2024. लोकसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां अपने उम्मीदवार तय कर रही है, किसी का टिकट कट रहा है तो किसी को मिल रहा है. टिकट मिलने के आश्वासन पर कुछ नेता पार्टी बदल रहे है तो कुछ नेता टिकट कटने के दुख से, कुछ तो ऐसे भी है जिन्हें दुख तो है लेकिन वो जता नहीं पा रहे… लेकिन, इन सबके के बीच एक ऐसा सवाल है जिसपर शायद कोई चर्चा नहीं करता. जी हां, सवाल है कि आखिर ये टिकट होता क्या है जिसके लिए नेतागण कड़ी मेहनत करते है.

टिकट
टिकट

टिकट किसे कहते है?

तो चलिए आपको सबसे पहले बताते है कि आखिर चुनाव आयोग के अनुसार क्या है टिकट. चुनाव आयोग के सेवानिवृत अधिकारी अभय राव कहते है कि इस पूरी प्रक्रिया में दो फॉर्म का इस्तेमाल होता है. फॉर्म ए और फॉर्म बी. फॉर्म ए में राजनीतिक दल के केंद्रीय अध्यक्ष या महासचिव पार्टी के किसी व्यक्ति को अधिकृत करते है कि वह उम्मीदवार का चयन करे. वहीं, फॉर्म बी में उम्मीदवार का नाम होता है.

Ticket Form A
Ticket form a
Ticket Form B
Ticket form b

कैसे होता है टिकट का बंटवारा

ये तो हुई कानूनी बात, लेकिन झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने बताया कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के द्वारा प्रदेश अध्यक्ष को फॉर्म ए के जरिए अधिकृत किया जाता है और फॉर्म बी में यह जानकारी दी जाती है कि वह क्षेत्र के लिए किसे उम्मीदवार बना रहे है. राधाकृष्ण किशोर ने यह भी स्पष्ट किया कि फॉर्म ए और फॉर्म बी में से कौन सा टिकट कहलाता है. चूंकि फॉर्म ए में केवल इस बात का जिक्र होता है कि उनकी पार्टी की तरफ से कौन उम्मीदवारों का नाम तय करेगा इसलिए वह टिकट नहीं है बल्कि टिकट बंटवारे की प्रक्रिया का अहम हिस्सा है. उम्मीदवारों का नाम फॉर्म बी में होता है इसलिए आम बोलचाल की भाषा में जिसे टिकट कहते है वह फॉर्म बी है.

ऐसा होता है फॉर्म ए

Ticket Form A
Ticket form a

ऐसा होता है फॉर्म बी

Ticket Form B
Ticket form b

नामांकन के बाद नहीं जमा किया फॉर्म बी तो उम्मीदवारी खत्म

शायद आपको यह भी जानकार हैरानी होगी कि नामांकन के बाद भी पार्टी अपने उम्मीदवार का नाम वापस ले सकती है. जी हां, ये घटनाक्रम उस स्थिति में होता है जब पार्टी किसी व्यक्ति को अपना उम्मीदवार बनाती है और किसी कारण से पार्टी उसे अपना उम्मीदवार नहीं रखना चाहती. ऐसी स्थिति में वह फॉर्म ए और बी वापस ले लेगी और किसी दूसरे उम्मीदवार को पार्टी का सिम्बल देने के लिए आवेदन देगी. वहीं, अगर कोई भी उम्मीदवार नामांकन करता है लेकिन फॉर्म बी रिटर्निंग ऑफिसर को जमा नहीं कर पाता है तो उसका नामांकन रद्द हो जाएगा.

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