Bihar Bhumi: पटना सदर में जमीन और फ्लैट की खरीद-बिक्री पिछले साल की तुलना में इस साल काफी कम हुई है. इसका सीधा असर जिला अवर निबंधन कार्यालय के कामकाज और राजस्व पर पड़ा है. आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल के मुकाबले इस साल दिसंबर तक 2,485 कम दस्तावेजों का निबंधन हुआ है, जिससे सरकार को 61.84 करोड़ रुपये का कम राजस्व मिला है.
वित्तीय वर्ष 2024-25 में पिछले साल दिसंबर तक पटना सदर निबंधन कार्यालय में 18,435 दस्तावेजों का निबंधन हुआ था. जिससे 457.20 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था. वहीं, इस साल दिसंबर तक केवल 15,950 दस्तावेजों का निबंधन हुआ है और इससे 395.36 करोड़ रुपये ही मिल पाए हैं. निबंधन विभाग ने 714.81 करोड़ रुपये का लक्ष्य तय किया था, लेकिन अब तक केवल 45 प्रतिशत के आसपास ही राजस्व जुट पाया है.
जुलाई से ही शुरू हो गई थी गिरावट
जानकारी के अनुसार, इस साल जुलाई से ही जमीन और फ्लैट की रजिस्ट्री में लगातार गिरावट देखी जा रही है. जुलाई में 2,362, अगस्त में 1,990, सितंबर में 1,200, अक्टूबर में 1,701, नवंबर में 1,669 और 23 दिसंबर तक सिर्फ 868 दस्तावेजों का निबंधन हुआ.
जबकि पिछले साल इसी अवधि में आंकड़े कहीं ज्यादा थे. जुलाई 2023 में 2,413, अगस्त में 2,664, सितंबर में 2,451, अक्टूबर में 2,261, नवंबर में 1,832 और 23 दिसंबर तक 1,847 दस्तावेजों का निबंधन हुआ था.
महंगे दाम और रेरा की सख्ती बना कारण
अधिकारियों के मुताबिक, जमीन और फ्लैट की कीमतों में बढ़ोतरी होने से लोग खरीद-बिक्री से बच रहे हैं. इसके अलावा रेरा के सख्त नियमों के कारण नए फ्लैटों का निर्माण भी कम हुआ है, जिससे रजिस्ट्री पर सीधा असर पड़ा है. कुल मिलाकर, महंगाई और नियमों की सख्ती के चलते पटना सदर में प्रॉपर्टी मार्केट की रफ्तार धीमी पड़ गई है. जिसका असर निबंधन विभाग के राजस्व पर साफ तौर पर दिखाई दे रहा है.





