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Sona Chandi Bhav: 2.27 लाख के नए शिखर पर पहुंची चांदी, रिकॉर्ड से फिसल गया सोना

Sona Chandi Bhav: 2.27 लाख के नए शिखर पर पहुंची चांदी, रिकॉर्ड से फिसल गया सोना

Sona Chandi Bhav: दिल्ली के सर्राफा बाजार में चांदी की कीमत 9,750 रुपये की छलांग के साथ 2.27 लाख रुपये प्रति किलो के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी 72 डॉलर प्रति औंस के पार निकल गई, जबकि सोना घरेलू बाजार में रिकॉर्ड से थोड़ा फिसल गया. कमजोर डॉलर, फेड की नरम नीति और भू-राजनीतिक तनाव से सर्राफा बाजार में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है.

Sona Chandi Bhav: दिल्ली के सर्राफा बाजार में बुधवार को चांदी की कीमतों ने नया इतिहास रच दिया. अखिल भारतीय सर्राफा संघ के मुताबिक, चांदी का भाव 9,750 रुपये की तेज उछाल के साथ बढ़कर 2,27,000 रुपये प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया. इससे पहले मंगलवार को चांदी 2,17,250 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी. घरेलू बाजार के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी चांदी की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली. हालांकि, सोना अपने रिकॉर्ड स्तर से फिसल गया.

विदेशी बाजार में 72 डॉलर प्रति औंस के पार

अंतरराष्ट्रीय बाजार में हाजिर चांदी लगातार चौथे सत्र में बढ़त के साथ 72.70 डॉलर प्रति औंस के नए शिखर पर पहुंच गई. एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ जिंस विश्लेषक सौमिल गांधी ने बताया कि वैश्विक सर्राफा बाजारों में रिकॉर्ड तेजी के चलते चांदी पहली बार 72 डॉलर प्रति औंस के स्तर को पार कर गई है. यह तेजी निवेशकों के बढ़ते सुरक्षित निवेश रुझान को दर्शाती है.

एक साल में 153% से ज्यादा का उछाल

कैलेंडर वर्ष के लिहाज से देखें तो चांदी ने निवेशकों को असाधारण रिटर्न दिया है. 31 दिसंबर 2024 को चांदी का भाव 89,700 रुपये प्रति किलोग्राम था, जो अब बढ़कर 2,27,000 रुपये तक पहुंच गया है. यानी एक साल से भी कम समय में चांदी की कीमत 1,37,300 रुपये या 153.06% बढ़ चुकी है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी इस साल अब तक चांदी 151% से अधिक मजबूत हुई है.

तेजी के पीछे क्या हैं बड़े कारण

विशेषज्ञों के मुताबिक, चांदी की कीमतों में उछाल के पीछे कई वैश्विक कारण काम कर रहे हैं. इनमें कमजोर अमेरिकी डॉलर, फेडरल रिजर्व से नरम मौद्रिक नीति की उम्मीद और लगातार बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव प्रमुख हैं. ये सभी कारक निवेशकों को सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर ले जा रहे हैं, जिसमें चांदी और सोना सबसे आगे हैं.

सोना रिकॉर्ड से थोड़ा फिसला

इस बीच, सोने की कीमतों में हल्की नरमी देखने को मिली. स्थानीय सर्राफा बाजार में 99.9% शुद्धता वाले सोने का भाव 50 रुपये घटकर 1,40,800 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया. मंगलवार को यह 1,40,850 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ था. हालांकि, गिरावट मामूली रही, लेकिन सोना अपने ऑल-टाइम हाई से थोड़ा नीचे फिसल गया.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना भी चमका

घरेलू गिरावट के बावजूद अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने ने मजबूती दिखाई. हाजिर सोना पहली बार 4,500 डॉलर प्रति औंस के स्तर को पार कर गया और 0.92% की बढ़त के साथ 4,525.96 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया. मिराए एसेट शेयरखान के जिंस और मुद्रा प्रमुख प्रवीण सिंह के अनुसार, डॉलर के सुरक्षित मुद्रा बने रहने के कारण एशियाई सत्र में सोने ने नया रिकॉर्ड बनाया.

चार दिनों में सोने के भाव में तेज उछाल

पिछले चार दिनों में हाजिर सोना 186.46 डॉलर या 4.3% चढ़ चुका है. सालाना आधार पर देखें, तो सोने ने 31 दिसंबर 2024 के 2,605.77 डॉलर प्रति औंस से बढ़कर अब तक 73.7% की मजबूती दर्ज की है. यह तेजी वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच सोने की सुरक्षित निवेश की भूमिका को और मजबूत करती है.

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आगे कैसा रहेगा रुख

ऑगमोंट में रिसर्च प्रमुख रेनिशा चैनानी के मुताबिक, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से आगे भी मौद्रिक नीति में ढील, अमेरिका–वेनेजुएला तनाव और कमजोर आर्थिक आंकड़े सर्राफा कीमतों को समर्थन दे रहे हैं. विशेषज्ञ मानते हैं कि जब तक वैश्विक अनिश्चितता बनी रहेगी, सोना और चांदी दोनों ही निवेशकों के पसंदीदा सुरक्षित विकल्प बने रहेंगे. हालांकि, उतार-चढ़ाव से इनकार नहीं किया जा सकता.

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KumarVishwat Sen

लेखक के बारे में

KumarVishwat Sen

Contributor

कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं. और पढ़ें

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